
विदेशी छात्रों के लिए अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखना अब थोड़ा और कठिन हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक कड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका में F (विद्यार्थी), M (व्यावसायिक प्रशिक्षण), और J (एक्सचेंज विजिटर) वीजा के नए इंटरव्यू पर अस्थायी रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
आदेश में क्या कहा गया है?
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है:
“आवश्यक सोशल मीडिया जांच और जांच के विस्तार की तैयारी में, तत्काल प्रभाव से अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को निर्देश दिया जाता है कि वे किसी भी नए छात्र, व्यावसायिक या एक्सचेंज वीजा इंटरव्यू की अपॉइंटमेंट न लें, जब तक कि आगे के दिशा-निर्देश प्राप्त न हों।“
सोशल मीडिया जांच बना वजह
इस कदम के पीछे विदेशी छात्रों के सोशल मीडिया खातों की गहन जांच को अनिवार्य करने की योजना बताई गई है। हालिया घटनाओं में कुछ विदेशी छात्र फिलिस्तीन समर्थक और यहूदी विरोधी प्रदर्शनों में शामिल पाए गए, जिसके बाद अमेरिका ने इस तरह की सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सोशल मीडिया जांच में किस प्रकार की सामग्री की जांच की जाएगी और किन मानदंडों के आधार पर वीजा मंजूरी दी जाएगी।
प्रशासन की सफाई
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बयान देते हुए कहा:
“हम हर वीजा आवेदनकर्ता की जांच करते हैं – चाहे वह छात्र हो, पर्यटक हो या कोई अन्य। यह विवादास्पद नहीं है बल्कि अमेरिका की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है।“
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कदम कानून का पालन सुनिश्चित करने और सामाजिक हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
लाखों छात्रों पर असर
इस निर्णय का सीधा असर लाखों विदेशी छात्रों पर पड़ेगा।
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के अनुसार:
- 2023-24 में अमेरिका में 11 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
- इन छात्रों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में $43.8 अरब डॉलर का योगदान दिया।
- इससे 3.78 लाख नौकरियां उत्पन्न हुईं।
अब वीजा इंटरव्यू पर रोक से न सिर्फ छात्रों के सपनों को झटका लगेगा, बल्कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों की आमदनी और वैश्विक प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ सकता है।
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हार्वर्ड विश्वविद्यालय विवाद
यह कदम तब सामने आया है जब ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी।
- कारण: फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भागीदारी और प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना।
- हालांकि, एक संघीय अदालत ने इस फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है।
इसके साथ ही, हार्वर्ड का कर मुक्त दर्जा समाप्त कर दिया गया और फंडिंग रोकने की कार्रवाई भी की गई।