
लखीमपुर खीरी : जिले के कुंभी ब्लॉक की ग्राम पंचायत गोला देहात के अंतर्गत आने वाले गांव भूसौरिया में विकास कार्यों की सच्चाई कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। सरकारी योजनाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। गांव में लाखों की लागत से बना आयुष्मान आरोग्य मंदिर के मुख्य द्वार के सामने कोई रास्ता नहीं है जिसके कारण ग्रामीण आरोग्य मंदिर तक नहीं पहुंच पाते हैं। बता दे मंदिर के सामने एक बहुत बड़े भूभाग कर गंदगी और जल भराव का तालाब बना हुआ है।
रंग-रोगन में चमक, असलियत में सूनापन
भवन की चमचमाती दीवारें देखकर एक बार को लगता है कि यह किसी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा केंद्र का हिस्सा है, लेकिन जैसे ही नजर भवन के सामने मौजूद गंदे तालाब पर जाती है, हकीकत सामने आ जाती है। गंदगी से बजबजाता यह तालाब आरोग्य मंदिर की उपयोगिता पर सवाल खड़े कर रहा है। स्थिति यह है कि भवन तक पहुंचने के लिए कोई पक्का रास्ता ही नहीं बनाया गया, जिसके चलते ग्रामीण यहां पहुंचने से कतराते हैं।
नालियों में गंदगी का अंबार
भूसौरिया गांव में नालियों की हालत भी किसी से छिपी नहीं है। नालियां पूरी तरह से जाम हो चुकी हैं, जिनमें जलनिकासी नहीं होकर सिर्फ गंदगी, कीचड़ और घास-फूस का अंबार जमा है। बरसात के मौसम में यह स्थिति और भयावह हो सकती है, जिससे गांव में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है।
ग्राम प्रधान की उपेक्षा से नाराज़ ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान द्वारा गांव की समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। भूसौरिया गांव विकास की मुख्यधारा से कटता जा रहा है, जिससे यहां रहने वाले लोग खुद को उपेक्षित और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गांव की युवा पीढ़ी, महिलाएं और बुजुर्ग सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा और गंदगी की मार से परेशान हैं।
सवाल खड़े कर रहा है यह मौन इंफ्रास्ट्रक्चर
ग्राम पंचायत भूसौरिया में खड़ा आयुष्मान आरोग्य मंदिर एक सवाल बनकर खड़ा है, जब सुविधा का उपयोग ही नहीं हो पा रहा, तो निर्माण पर खर्च किए गए लाखों रुपयों का क्या औचित्य रह जाता है? ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द भवन तक पक्का रास्ता बनाया जाए, तालाब की सफाई कराई जाए, और गांव की नालियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
अधिकारी का पक्ष –
इस मामले से संबंधित ग्राम विकास अधिकारी ललित वर्मा ने बताया कि जिस समय आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था उस समय रास्ते की जगह नहीं मिल पाई थी अब रास्ते की जगह को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं जिसका निर्माण क्षेत्र पंचायत की ओर से कराया जाना है।