भोपाल से पहली बार इलेक्ट्रिक इंटरसिटी बस सेवा शुरू, इंदौर, उज्जैन और सागर रूट को मिलेंगी नई बसें

भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और पर्यावरण–अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। पहली बार यहां इलेक्ट्रिक इंटरसिटी बस सेवा शुरू होने जा रही है। अमृत मिशन के अंतर्गत शहर को 22 नई इलेक्ट्रिक बसें मिली हैं, जिन्हें प्रदेश के प्रमुख मार्गों इंदौर, उज्जैन और सागरपर संचालित किया जाएगा। यह पहल अब यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के साथ ही राज्य में ग्रीन मोबिलिटी के विस्तार को भी नई गति देगी।

दरअसल इस संबंध में प्राप्‍त जानकारी के अनुसार शहर में कुछ समय से डीजल और सीएनजी बसों की सेवा संबंधी शिकायतें बार–बार आने वाले मेंटेनेंस मुद्दे और बढ़ते परिचालन खर्च के कारण इलेक्ट्रिक मॉडल पर फोकस बढ़ाया गया है। प्रशासन का मानना है कि इलेक्ट्रिक बसें कम लागत, बेहतर प्रदर्शन, कम प्रदूषण और सुगम संचालन का बेहतर विकल्प साबित होंगी। नई व्यवस्था के तहत, बसों का संचालन करने वाली ऑपरेटिंग एजेंसी स्वयं आईएसबीटी और हलालपुर बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन विकसित करेगी। इससे निर्बाध चार्जिंग सुविधा उपलब्ध होगी और बसों के संचालन में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के मजबूत होने से भविष्य में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

प्रस्तावित इलेक्ट्रिक बसों का रूट–वार वितरण कुछ इस प्रकार से रहेगा, इंदौर रूट के लिए 12 इलेक्ट्रिक बसें, उज्जैन के लिए छह बसें, सागर रूट के लिए चार इलेक्ट्रिक बसें। इन बसों के संचालन से भोपाल से इन तीनों शहरों तक यात्रा और भी आरामदायक और पर्यावरण–अनुकूल होगी। अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक इंटरसिटी सेवा के शुरू होने से प्रदेश में स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और लंबे रूट पर इलेक्ट्रिक तकनीक की विश्वसनीयता का परीक्षण भी हो सकेगा।

यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इन नई बसों में आरामदायक सीटिंग, जीपीएस सिस्टम, पैनिक बटन, बेहतर सस्पेंशन और पूरी तरह वातानुकूलित केबिन जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। पर्यावरण विशेषज्ञों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और इसे शहरी प्रदूषण में कमी लाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया है। बताया जा रहा है कि सभी 22 बसों को परीक्षण के बाद चरणबद्ध तरीके से रूट पर उतारा जाएगा। प्रारंभिक चरण में बसों की टाइमिंग, किराया संरचना और संचालन मॉडल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रशासन का लक्ष्य है कि यह सेवा आने वाले कुछ हफ्तों में शुरू कर दी जाए।

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