भोजपुरी सितारों का चुनावी महासंग्राम : खेसारी, निरहुआ, पवन और रवि आमने-सामने

Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव का मैदान अब सिर्फ पार्टियों का नहीं रहा, बल्कि भोजपुरी स्टार्स का भी हो गया है, जहां खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, दिनेश लाल यादव निरहुआ, रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे नाम जुबानी जंग लड़ते नजर आ रहे हैं। ये सितारे, जो कभी सिल्वर स्क्रीन पर एक-दूसरे के साथ हंसी-खुशी गाने गाते थे, आज एनडीए और महागठबंधन के झंडों तले बंट चुके हैं, और उनकी बयानबाजी ने सोशल मीडिया से लेकर स्ट्रीट प्रचार तक का माहौल हाई-वोल्टेज बना दिया है।

हम बात करेंगे खेसारी लाल यादव की, जो छपरा से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और महागठबंधन के चेहरे बन चुके हैं। खेसारी, जो भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं, ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत ही तीखे हमलों से की है। एक चुनावी रैली में उन्होंने एनडीए के स्टार प्रचारकों – पवन सिंह, निरहुआ, रवि किशन और मनोज तिवारी – पर सीधा निशाना साधा और कहा, “मैं इन्हें चार दिनों के अंदर पागल करवा दूंगा।” उनका इशारा था उन बयानों की ओर, जो उन्होंने भाषा की मर्यादा लांघते हुए दिए हैं। खेसारी ने साफ कहा कि वे धर्म-विरोधी नहीं हैं, जय श्रीराम का जाप वे भी करते हैं, लेकिन क्या धार्मिक नारों से बेरोजगारी और अशिक्षा का समाधान हो जाएगा? उन्होंने जोर देकर कहा, “धर्म जरूरी है, लेकिन उसके साथ कर्म और शिक्षा भी उतनी ही जरूरी। एनडीए वाले मुद्दों से भटककर सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि बिहार के युवाओं को फैक्टरियां चाहिए, नौकरियां चाहिए। इतना ही नहीं, खेसारी ने एक चैलेंज भी फेंका – “अगर एनडीए प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वादा करे कि बिहार में फैक्टरियां लगेंगी, तो मैं चुनाव लड़ना छोड़ दूंगा। मुझे टारगेट मत करो, बिहार के युवाओं की बेरोजगारी को टारगेट करो।” ये बयान सुनकर सभा में तालियां गूंजीं, लेकिन विपक्ष ने इसे महज ड्रामा करार दिया। खेसारी का ये रुख साफ बता रहा है कि वे राजनीति को अपने घर के लिए नहीं, बल्कि बिहार के विकास के लिए लड़ रहे हैं, और पहले चरण के चुनाव में महागठबंधन की जीत का दावा कर रहे हैं।

अब आते हैं इस जंग के दूसरे पहलू पर – पवन सिंह पर..पावर स्टार पवन सिंह, जो एनडीए के स्टार प्रचारक हैं, ने खेसारी के बयानों का जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान खेसारी लाल ने पवन सिंह के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि “मैं घर पर पत्नी चंदा को बहुत प्यार देता हूं, लेकिन बाहर निकलते ही उसका भाई बन जाता हूं, क्योंकि बहन की सुरक्षा हमारा फर्ज है। फिर क्या इस बयान के बाद

खेसारी को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, इसके बाद पवन ने भी पलटवार किया कहा , “खेसारी ने अपनी बीवी को बहन बना लिया है, कब बहन को बीवी बना लें, इसकी कोई गारंटी नहीं। उनकी बात और गधे की लात में कोई फर्क नहीं है। ये टिप्पणी सुनकर हंसी के ठहाके लगे, पवन ने आगे कहा कि बिहार में एनडीए को जनता का बेशुमार प्यार मिल रहा है, और जीत पक्की है। जनता का सपोर्ट देखकर दिल गदगद हो जाता है। खेसारी को अपना छोटा भाई बताने वाले पवन अब खुलकर उनके खिलाफ बोल रहे हैं, कभी उन्हें ‘नचानिया’ कहकर चिढ़ाते हैं, तो कभी उनकी जुबान पर सवाल उठाते हैं। ये तना-तनी देखकर लगता है कि चुनाव खत्म होने के बाद भी ये रिश्ते पटरी पर लौट पाएंगे या नहीं।

इस बीच, दिनेश लाल यादव निरहुआ का नाम भी इस विवाद की सुर्खियों में छाया हुआ है। भाजपा सांसद और भोजपुरी के दिग्गज निरहुआ ने खेसारी पर जमकर निशाना साधा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव को समझाना चाहिए कि अश्लील गानों का उस्ताद खेसारी उनके साथ घूम रहा है। वे रोज बयान पलटते हैं – कभी कहते हैं कि अश्लील गाने रवि किशन, मनोज तिवारी, निरहुआ और पवन से सीखे, तो कभी इनकार कर देते हैं।” निरहुआ ने खेसारी के चैलेंज का जवाब देते हुए कहा कि वे भागने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि कह रहे हैं सर्टिफिकेट नहीं लेंगे, चुनाव नहीं लड़ेंगे – मतलब छपरा को धोखा देकर भागने की फिराक में हैं। लेकिन हम जाने नहीं देंगे। निरहुआ ने राम मंदिर विवाद को भी छुआ, कहते हुए, “अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। हम शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा दे रहे हैं, लेकिन धर्म की बात भी कर रहे हैं। मैं आजमगढ़ से हार गया, लेकिन मैदान नहीं छोड़ा – खेसारी भी छपरा न छोड़े।” ये बयान भाजपा की लाइन पर थे, जो हिंदुत्व और विकास को जोड़कर पेश कर रहे हैं।

मनोज तिवारी और रवि किशन भी इस जंग से अछूते नहीं हैं। दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने पटना में एनडीए की रैली में महागठबंधन पर हमला बोला, कहते हुए, “लालटेन और हाथी वाली पार्टियां बिहार के संसाधनों का फायदा उठाती रहीं, जनता को हक से वंचित रखा। आज मोदी जी के नेतृत्व में हर जाति को आरक्षण मिल रहा है। बिहार की जनता जंगलराज भूल चुकी है, अब भविष्य बचाना चाहती है।” वहीं, रवि किशन ने खेसारी के बयानों को ‘अहंकारी’ करार दिया, और कहा कि इंडस्ट्री में जो सम्मान दिया, उसके बदले ये दुश्मनी ठीक नहीं। खेसारी ने जवाब में कहा कि उनके लिए रिश्ते मायने रखते हैं, पार्टी का बंधन नहीं। उन्होंने निरहुआ, पवन और मनोज का प्रचार किया है, लेकिन चुनाव के बाद भी वे बड़े भाई ही रहेंगे। “मेरी जुबान से कुछ गलत निकला हो तो माफ करें, लेकिन आशीर्वाद तो मिल ही रहा है।

कुल मिलाकर बिहार चुनाव 2025 सिर्फ वोटों की जंग नहीं, बल्कि स्टार्स की इमेज, रिश्तों और मुद्दों की भी टक्कर है। एक तरफ खेसारी रोजगार-शिक्षा पर फोकस कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ एनडीए के स्टार प्रचारक हिंदुत्व और विकास का मंत्र दोहरा रहे हैं।

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