
RSS Vijayadashami 2025 : विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर मुख्यालय पर अपना पारंपरिक शस्त्र पूजन किया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे, जिन्होंने भी इस अवसर पर शस्त्र पूजा की। आरएसएस इस साल अपनी स्थापना की शताब्दी मना रहा है। केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी, तभी से हर साल इस दिन संगठन अपनी स्थापना का उत्सव मनाता है।
हेडगेवार की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित
शस्त्र पूजा से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपित कोविंद ने आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस भी मुख्यालय पहुंचे। दोनों नेता पारंपरिक संघी वेशभूषा में नजर आए। गडकरी और फड़णवीस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह स्वयंसेवक रह चुके हैं।
पीएम मोदी ने आरएसएस की प्रशंसा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन की शताब्दी के अवसर पर बुधवार को आरएसएस की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों और साजिशों के बावजूद संगठन अपने मूल सिद्धांत ‘राष्ट्र प्रथम’ पर कायम रहा है। मोदी ने कहा कि आरएसएस ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और जाति-पंथ के भेदभाव को दूर कर सद्भाव का संदेश फैलाया है। उन्होंने कहा कि संगठन ने देश के कोने-कोने तक पहुंचकर एक समावेशी समाज का प्रयास किया है।
संघ ने स्वतंत्रता संग्राम में निभाई भूमिका
पीएम मोदी ने कहा, ‘संघ ने अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उसका एकमात्र उद्देश्य हमेशा राष्ट्र से प्रेम रहा है।’ उन्होंने कहा कि संगठन के स्वयंसेवकों ने स्वतंत्रता सेनानियों को समर्थन दिया और हेडगेवार भी कई बार जेल गए। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि आरोप लगाने और झूठे मुकदमों के बावजूद संघ की भावना को दबाने का प्रयास किया गया।
गोलवलकर को झूठे मुकदमों में फंसाया- पीएम मोेदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद लगे प्रतिबंध का जिक्र करते हुए कहा, ‘आरोप लगाने, प्रतिबंध लगाने और चुनौतियों के बावजूद संघ कभी कटुता नहीं दिखाता। यह समाज में अच्छा और बुरा दोनों को स्वीकारने का मंत्र है।’ उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक गोलवलकर को भी झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा गया था।
डाक टिकट और सिक्का का विमोचन
मोदी ने आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर बुधवार को विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया। इस सिक्के पर पहली बार भारत माता की छवि अंकित की गई है। सिक्के के एक तरफ राष्ट्रीय प्रतीक है, तो दूसरी तरफ सिंह पर विराजमान भारत माता की तस्वीर है, जिसमें स्वयंसेवक भक्ति और समर्पण के साथ श्रद्धापूर्वक खड़े हैं।
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