
नई दिल्ली। भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जर्मनी में आयोजित बर्लिन डायलॉग के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत जल्दबाजी में या बंदूक की नोंक पर व्यापार समझौते नहीं करता। गोयल ने जोर दिया कि व्यापार समझौते केवल टैरिफ या बाजार पहुंच के बारे में नहीं हैं, बल्कि विश्वास, दीर्घकालिक संबंधों का निर्माण करने और वैश्विक व्यापार सहयोग के लिए स्थायी ढांचे का निर्माण करने के बारे में हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ और अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। हालांकि, भारत जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करेगा और न ही कोई समय सीमा तय करके या बंदूक की नोक पर कोई समझौता करेगा। गोयल ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है और किसी भी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले अपनी शर्तों को सुनिश्चित करेगा।
भारत यूरोपीय संघ के साथ लंबे समय से लंबित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। इस समझौते पर मतभेद बने हुए हैं, खासकर बाजार पहुंच, पर्यावरण मानकों और उत्पादन के नियमों पर। गोयल ने कहा कि नई दिल्ली व्यापार समझौतों में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगी और जल्दबाजी में किसी भी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगी।
गोयल ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है, लेकिन भारत अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी दबाव में नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते को दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए और भारत कभी भी जल्दबाजी में या तात्कालिक आवेश में निर्णय नहीं लेता।















