
नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा में देर रात तक ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चली. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार से तीखे सवाल पूछे.नागौर से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल भी ऑपरेशन सिंदूर (Hanuman Beniwal On Operation Sindoor) पर सवाल पूछ रहे. लेकिन उनका अंदाज कुछ ऐसा था कि सदन में मौजूद सांसद अपनी हंसी नहीं रोक सके. हनुमान बेनीवाल ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर दिया, फिर तो पाकिस्तान भारत की पत्नी हो गया. उनकी ये बात सुन पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा.
HILARIOUS !!!
— Tamal Saha (@Tamal0401) July 28, 2025
RLP MP Hanuman Beniwal pic.twitter.com/LEKNUYlFZp
‘भारत ने पाकिस्तान की मांग में भरा सिंदूर’
हनुमान बेनीवाल ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य है कि 22 अप्रैल को घटना हुई और 8 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई. दो दिन तक यह ऑपरेशन चला, जिसके बाद सरकार ने कहा कि पाकिस्तान घुटनों पर आ गया.और देश की मीडिया ने कहा कि कराची पहुंच गए और लाहौर पर कब्जा कर लिया, इस्लामाबाद पर झंडा फहराने वाले हैं. बेनीवाल ने कहा कि हमें लगा कि हो गया काम. पाकिस्तान तक सुबह तक आ जाएगा. सरकार ने ऑपरेशन का नाम भी सिंदूर रखा. ऐसा लग रहा है कि भारत पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर रहा है. बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था. उनकी बात सुनकर अर्जुन मेघवाल समेत वहां मौजूद सांसद हंसने लगे तो बेनीवाल ने कहा कि हंसो मत.
बेनीवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू धर्म में सिंदूर का मतलब यही होता है कि… इतना सुनते ही किसी ने कुछ कहा तो इस पर उन्होंने कहा कि खुद तो आधे घंटे भाषण दे दिया और मुझसे कह रहे हो कि जाओ, कमाल है. उनकी ये बात सुनते ही पास में बैठे चंद्रशेखर भी अपनी हंसी रोक नहीं पाए. वह जोर-जोर से ठहाके लगाने लगे. बेनीवाल की बातें सुनते ही पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. इस दौरान आरएलपी सांसद ने कहा कि नहीं बोलूंगा और क्या… हालांकि वह रुके नहीं.
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारे हिंदू धर्म में सिंदूर का मतलब होता है कि महिलाएं अपने पति को सिंदूर मानती हैं और इसे प्रतीक के रूप में अपनी मांग में भरती हैं.उन्होंने कहा कि सिंदूर तो भारत ने भर दिया पाकिस्तान के अंदर. फिर तो पाकिस्तान भारत की पत्नी हो गई. अब सिर्फ विदाई बाकी है, हो गया थारा काम.
बेनीवाल ने कहा कि हमलोग इस सदन के भीतर चर्चा करवाएं, सारी बातें और बाद-विवाद…हंसी-मजाक भी चली और आरोप-प्रत्यारोप भी चले, लेकिन जिस तरह के आरोप लगे, उन्होंने कहा कि क्या आरोप लगे मैं इसे वापस नहीं बताऊंगा. इसके बाद अपनी बात आगे बढ़ाते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि दुर्भाग्य यह था कि हिंदुस्तान के भीतर ये आतंकवाद कोई नया नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहें कांग्रेस की रही या बीजेपी की, आतंकी को लोकसभा में घुस गए थे. अगर वे थोड़ा सा आगे आ जाते और संसद सिक्योरिटी के जवान अगर शहादत नहीं देते तो न जाने कितने सांसद मारे जाते.
बेनीवाल अपनी बात पूरी कर ही रहे थे कि उनका समय समाप्त हो गया और घंटी बजा दी गई. जिस पर उन्होंने कहा कि क्या हो गया. अभी बोलने दो समय है. बेनीवाल ने कहा कि एक तो आप 10.30 या 11 बजे बुलवा रहे हो, खबर तो अखबार में छपनी नहीं है. अब तो सोशल मीडया से ही काम निकलेगा. अगर हम यहां बैठे हैं तो इसका मतलब है कि हम मजबूत लोग हैं. तो सेना के सम्मान के लिए रात के 12 बजे भी सदन में बैठेंगे.