मैं सेक्स वर्कर्स हूं! SIR फॉर्म कैसे भरूं, मम्मी-पापा के डॉक्यूमेंट कहां से लाऊं? चुनाव आयोग से लगा रहीं गुहार

SIR in Bengal : देश भर में चल रहे एसआईआर के काम का असर पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा दिख रहा है। पश्चिम बंगाल में SIR फॉर्म को भरते समय सेक्स वर्कर्स के लिए काफी मुश्किलें आ रही हैं। सेक्स वर्कर्स ने चुनाव आयोग से मदद की अपील की है, क्योंकि उनके पास वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसी आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मम्मी-पापा के दस्तावेज न होने के कारण उन्हें बार-बार बांग्लादेशी कहकर भगा दिया जाता है, जिससे उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं।

यह मामला पश्चिम बंगाल का है, जहां कई सेक्स वर्कर्स अपनी आजीविका चलाने के साथ-साथ सामाजिक और प्रशासनिक दिक्कतों का सामना कर रही हैं। इन महिलाओं ने बताया कि उनकी मां भी इसी पेशे में थीं। उनकी मां की उम्र अब 85 साल है। मां की उम्र 16-17 साल के दौरान पश्चिम बंगाल आ गई थीं, और तब से वे यहाँ रह रही हैं। उनके परिवार के पास वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए जब भी बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) घर पर फॉर्म भरने आते हैं, तो उनका नामांकन नहीं हो पाता।

इन महिलाओं का कहना है कि वे छोटी उम्र में पश्चिम बंगाल आई थीं और अब उनके पास कोई स्थायी दस्तावेज नहीं हैं। यदि वे वोटर आईडी या आधार कार्ड नहीं बनवा पाती हैं, तो उन्हें बार-बार बांग्लादेशी कहकर भगा दिया जाता है, जिससे उन्हें सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।

ये सेक्स वर्कर्स चुनाव आयोग से जानना चाहती हैं कि ऐसी स्थिति में अब वे कैसे एसआईआर फॉर्म भरें और अब आगे उनके साथ क्या किया जाएगा? उनका कहना है कि वे अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं और सरकार से मदद की उम्मीद रखती हैं।

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