
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने 15 साल से अधिक पुरानी सरकारी गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर करीब 22 हजार वाहनों को स्क्रैप करने का निर्णय लिया गया है। इनमें लगभग 700 पुलिस वाहन भी शामिल हैं। सरकार की योजना है कि इन गाड़ियों की जगह नई इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी जाएं।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रत्येक विभाग से पुराने वाहनों का विवरण, जैसे वाहन संख्या और पंजीकरण नंबर, मांगा गया है। छोटे चारपहिया वाहनों से लेकर बड़ी कार तक, सभी श्रेणियां इस सूची में शामिल हैं। स्क्रैप की जाने वाली गाड़ियों में 698 पुलिस वाहन, 481 परिवहन विभाग की गाड़ियां और 710 विभिन्न सरकारी उपक्रमों की गाड़ियां शामिल हैं। इसके अलावा पंचायत, लोक निर्माण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और तकनीकी विभाग सहित अन्य विभागों की लगभग 19,793 गाड़ियां भी हटाई जाएंगी।
यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब पिछले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस विधायक शौकत मोल्ला की पायलट कार का ब्रेक फेल हाेने के बाद उसकी चपेट में आने से बाइक सवार की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि वह कार 15 साल से अधिक पुरानी थी। इस घटना के बाद ही राज्य सरकार ने पुरानी गाड़ियों को हटाने का निर्णय लिया।
कुछ विभागों ने नई गाड़ियों की खरीद भी शुरू कर दी है। इस बार सरकार ने खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर देने का निर्देश दिया है। परिवहन विभाग हाल के दिनों में निजी और सरकारी दोनों तरह की अनुपयोगी गाड़ियों को जब्त करने की कार्रवाई कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि रद्द की गई गाड़ियों को सरकारी खुले स्थानों और डिपो में रखा गया है। इन्हें चरणबद्ध तरीके से स्क्रैप किया जाएगा। हालांकि यदि उच्चतम न्यायालय 15 साल की सीमा को बढ़ाता है तो राज्य सरकार उन गाड़ियों को फिर से सड़क पर उतारने पर विचार कर सकती है। फिलहाल यह पूरी प्रक्रिया अदालत के आदेश के अनुपालन में शुरू की गई है।