पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार शाम वाराणसी पहुंचीं। बनारस पहुंचते ही वह सबसे पहले दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुईं। वहीं घाट पर ममता बनर्जी के लिए अलग से कुर्सी लगाई गई थी, लेकिन वह घाट की सीढ़ियों पर ही बैठ कर गंगा आरती में शामिल हुईं।
दशाश्वमेध घाट पहुंचने से पहले ममता बनर्जी को गोदौलिया पर काले झंडे दिखाए गए। उससे पहले चेतगंज में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध किया था। चेतगंज में विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी के दौरान ममता बनर्जी वाहन से उतर कर सड़क पर खड़ी हो गईं।
गुरुवार को ऐढ़े में समाजवादी पार्टी की ओर से आयोजित जनसभा को ममता, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी संबोधित करेंगे। सभा के बाद ममता बनर्जी वापस लौट जाएंगी।
वाराणसी जाऊंगी और दीया भी जलाऊंगी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा और उसके सहयोगी दलों का समर्थन कर रहीं हैं। उन्होंने 7 फरवरी को कहा था, ‘मैं वाराणसी भी जाऊंगी और शिव मंदिर में दीया भी जलाऊंगी। मैं जानती हूं कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, लेकिन कोई भी कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है।
मैं चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा की जीत हो। पंजाब में हम आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे’।
2 दिवसीय दौरे पर आईं थीं लखनऊ
ममता बनर्जी 7 फरवरी को 2 दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंची थीं। उस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव को समर्थन देते हुए जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि अगर योगी आ जाएगा तो हम सबको खा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया था कि जब कोविड से यूपी में लोग मर रहे थे तो वह कहां थे? आप उन लोगों के परिवारों से माफी मांगें, जिन लोगों को गंगा में लाशें बहाने के लिए मजबूर किया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में TMC का कोई नेता चुनाव नहीं लड़ रहा है। यह जरूर है कि कांग्रेसी रहे पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने कांग्रेस छोड़कर TMC की सदस्यता ली थी।