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वाशिंगटन । अमेरिका में अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाले जाने की नीति का सबसे गहरा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। टेक्सास में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 11 साल की जोसलीन रोजो कारांजा नामक बच्ची ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि स्कूल में उसके साथ पढ़ने वाले अन्य छात्र उसे उसकी अप्रवासी पारिवारिक स्थिति को लेकर लगातार ताने मारते थे और धमकाते थे कि उसके माता-पिता के साथ ही उसे भी अमेरिका से निकाल दिया जाएगा।
स्कूल में साथ पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने उसे यह कहकर डराया कि उसके माता-पिता को जंजीरों में बांधकर देश से बाहर भेज दिया जाएगा और वह अकेली रह जाएगी। इस मानसिक तनाव और डर के कारण उसने 8 फरवरी को अपनी जान दे दी। इस घटना ने बतला दिया है कि डिपोर्ट का सबसे बुरा असर उन छोटे बच्चों पर पड़ रहा है, जो अभी पढ़ रहे हैं और उन्हें यह नहीं मालूम कि आखिर उन्हें या उनके परिवार को किस बात की सजा दी जा रही है। इससे अमेरिका में ही ट्रंप के फेसलों पर अनेक सवाल उठ खड़े हुए हैं।
परिवार था अनभिज्ञ
जोसलीन की मां, मर्बेला कारांजा, ने बताया कि उन्हें बच्ची को प्रताड़ित करने की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, मेरी बेटी ने कभी कोई संकेत नहीं दिया कि वह इस कदर तनाव में थी। मैं नहीं जान पाई कि उसे स्कूल में बुली किया जा रहा था। मामले की जांच के दौरान यह सामने आया कि जोसलीन स्कूल में काउंसलिंग ले रही थी, लेकिन प्रशासन ने इसकी जानकारी परिवार को नहीं दी।
स्कूल प्रशासन पर उठे सवाल
जोसलीन की आत्महत्या के बाद स्कूल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। उसकी मां का आरोप है कि स्कूल को इस बारे में जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इस घटना की जांच गेंसविले इंडिपेंडेंट स्कूल डिस्ट्रिक्ट पुलिस कर रही है। हालांकि, स्कूल प्रशासन का कहना है कि वे बुलींग की घटनाओं को गंभीरता से लेते हैं, लेकिन जोसलीन के मामले में कोई ठोस बयान जारी नहीं किया गया।
समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
जोसलीन का अंतिम संस्कार बुधवार को किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान उसकी एक दोस्त ने कहा, हम मिलकर पेड़ों पर चढ़ते थे, हंसते थे और अपनी हर छोटी-बड़ी बातें साझा करते थे। वह बहुत अच्छी दोस्त थी।इस घटना ने अमेरिका में बच्चों के साथ होने वाली बुलींग और अप्रवासी परिवारों के प्रति भेदभाव की गंभीरता को उजागर कर दिया है। कई संगठनों ने सरकार से मांग की है कि स्कूलों में बुलींग रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं और अप्रवासी परिवारों के बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए कदम उठाए जाएं। जोसलीन के परिवार का कहना है कि वे न्याय की मांग करेंगे, ताकि किसी और मासूम की जिंदगी इस तरह खत्म न हो।