
- वहां पहले से सोए मुर्दों से पूछताछ शुरू
- अपनी लापरवाही को छिपा रही पुलिस नहीं तय हुई प्रभारी निरिक्षक की कोई जिम्मेदारी
- चौकी इंचार्ज और सिपाही तक सिमित रही कार्यवाही की रफ़्तार
- छापेमारी के दौरान खेत और घरों से बरामद हो रहा गोला बारूद तो पुलिस की नाकामी एक बार फिर हुई बेनकाब
Lucknow : राजधानी के कुर्सी रोड स्थित बेहटा गाँव में कोई मृतक ही नहीं गोलों में बारूद भर रहा था। कई और भी थे। लेकिन हादसे से पहले पुलिस क़ो कोई नज़र नहीं आया पूछताछ भी हुई तों इन आतिशबाजों का एक ही जवाब मिला की हम लोग मार्केट से खरीद फरोख्त करते घर पर बनाने का अब कोई काम नहीं लेकिन सोमवार सुबह धामकों की आवाज़ से गाँव गूंजा तों आसपास कई किलोमीटर तक हड़कंप मच गया। लोग दौड़कर पहुंचे तों आतिशबाज आलम का मकान ज़मीदोंज हो चुका था। अंदर पत्नी मुन्नी कारीगर नदीम बेटा इरशाद पड़े थे।
सभी क़ो अस्पताल भेजा गया आलम मुन्नी दम तोड़ चुके थे। इरशाद नदीम की हालत गंभीर बनी हुई। बहरहाल अब छापेमारी का दौर शुरू हुआ तों पुलिस के होश उड़ गए वहीं पुलिस मरहूम आलम क़ो मुख्य आरोपी बनाकर 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
थाना प्रभारी नें कभी जहमत नहीं उठाई
गुड़म्बा क्षेत्र में अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित थी। एक अतिशबाज़ नहीं कई घरों के अंदर गोला बना रहें थे। लेकिन पुलिस क़ो भनक नहीं लगी लगे भी कैसे जब ज़मीन, जुआ, मारपीट, जैसे मामलों से फुर्सत हो। इतना बड़ा हादसा होने के बाद अब पुलिस दबिश छापेमारी कर ये दिखा रही की हम कितने एक्टिव हैं। मुक़दमा भी लिखा गया तों मरहूम आलम क़ो मुख्य आरोपी बनाया गया तों क्या अब कब्रिस्तान जा कर पड़ताल होगी। राजधानी में ऐसी कई पटाखा फैक्ट्री संचालित हैं। और बारूद का सामान आसानी से मिल रहा इन्ही लोगों के पास से अपराधी भी गोला खरीद कर हाथगोला बनाते हैं। जिसकी पूर्व में कई घटना हो चूकि हैं।
एक गोले की कीमत 20 रुपए होती हैं। वहीं हज़ारो की तादात में अतिशबाज घरों में रखते हैं। वहीं अब देखना है कि इस हादसे क़ो आख़िरी मानकर पुलिस कैसी कार्यवाही करती हैं या फिर उसे किसी और बड़े हादसे का इंतज़ार रहता हैं।