
ब्रुसेल्स, बेल्जियम। पाकिस्तान के चेहरे से आतंकवाद का नकाब नोचे जाने के बाद उसके नेता दुनियाभर में द्विअर्थी संवादों से जगहंसाई करवा रहे हैं। पहलगाम में आतंकी हमला करने के बाद भारत के सिंधु जल संधि पर वह गरम होने के साथ चिरौरी (प्रार्थना) भी करते नजर आते हैं। कुछ ऐसा ही ब्रुसेल्स में 13 जून को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कर दिखाया।
पाकिस्तान के दुनिया न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, बिलावल ने देश के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि पर्यावरण संसाधनों, खासकर पानी को हथियार में बदलने से क्षेत्र में शांति के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। बिलावल ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल संधि के तहत पानी को रोकता है, तो पाकिस्तान के पास इसका कड़ा जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि जैसे समझौतों को कमजोर करने से क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंच सकता है और दक्षिण एशिया संघर्ष की ओर बढ़ सकता है। बिलावल ने कहा, “भारत की आक्रामकता का जवाब नहीं दिया जाएगा। हम अपनी जमीन पर डटे रहेंगे।” बताया गया है कि इससे पहले बिलावल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बेल्जियम के सांसदों, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और यूरोपीय संसद के प्रमुख सदस्यों से मुलाकात की। इनमें विदेश मामलों की समिति की उपाध्यक्ष कैथलीन डेपोर्टर और पाकिस्तान-बेल्जियम मैत्री समूह के अध्यक्ष फ्रैंकी डेमन शामिल थे।
बिलावल ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई की भी आलोचना की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आंखें मूंदना बंद करने का आह्वान किया। उन्होंने ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की और वैश्विक शक्तियों से युद्ध की लपटों को हवा देने से बचने का आग्रह किया।