चांदी में निवेश से पहले जान लें एक्सपर्ट्स की राय, 2026 में कैसी रहेगी चाल

नई दिल्ली : चांदी इन दिनों कमाल कर रही है। कभी कीमत ज्यादा तो कभी कम, यह अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है कि अगले ही पल भाव बढ़ेगा या गिरेगा। साल 2025 के आखिर में साधारण तेजी के बजाय अलग ही बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसके बाद निवेशक यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या 2026 में चांदी की कीमतें अचानक गिरेंगी या फिर बढ़त का नया रिकॉर्ड बनाएंगी।

चांदी की आंख–मिचौली

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को वैश्विक चांदी की कीमतें रिकॉर्ड 84 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई थीं, जिससे अस्थिरता बखूबी देखने को मिली। भारी तेजी के बावजूद बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा। चांदी की कीमतें अपने ऑल-टाइम हाई 2,33,311 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गईं और दिन का न्यूनतम स्तर 2,33,279 रुपये रहा।

स्ट्रक्चरल ट्रांसफॉर्मेशन: मोतीलाल ओसवाल

मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह अस्थिरता अचानक नहीं, बल्कि सालों से चली आ रही आपूर्ति की कमी की वजह से पैदा हुई। रिपोर्ट में 2025 के अंत में कॉमेक्स में “वॉल्ट ड्रेन संकट” का जिक्र किया गया है, जहां रजिस्टर्ड भंडार का 60% सिर्फ चार दिनों में डिलीवर किए जाने का दावा किया गया था। दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनर चीन के 1 जनवरी 2026 से नए निर्यात लाइसेंसिंग नियम लागू करने के साथ, वैश्विक आपूर्ति में और कमी आने की आशंका है।

मोतीलाल ओसवाल ने “गिरावट पर खरीदारी” का रुख अपनाते हुए 2,46,000 रुपये प्रति किलो का लक्ष्य और 77 डॉलर प्रति औंस का ग्लोबल प्राइस टारगेट निर्धारित किया है।

2026 में चांदी बढ़ेगी या घटेगी?

तेजी के रुझान को आगे बढ़ाते हुए, रिच डैड पुअर डैड के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी का मानना है कि तेजी अभी शुरू ही हुई है। उन्होंने 2026 में चांदी की कीमत 70 से 200 डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई और निवेशकों से अपील की कि अभी भी खरीदने का समय है।

केडिया एडवाइजरी ने भी चांदी को स्वच्छ ऊर्जा, सौर ऊर्जा और डेटा केंद्रों के लिए एक अहम “डिजिटल युग की धातु” मानते हुए अपना लॉन्ग प्राइस टारगेट बढ़ाकर 3,00,000 रुपये कर दिया है। हालांकि इन ऊंचाइयों तक पहुंचने का रास्ता चुनौतीपूर्ण हो सकता है। केडिया एडवाइजरी ने संभावित ‘फ्लैश क्रैश’ की आशंका भी जताई। उन्होंने कहा कि 28% से 30% तक की गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता, खासकर तब, जब ईटीएफ-आधारित मांग कमजोर हो जाए।

क्या चांदी 130 डॉलर प्रति औंस पहुंच सकती है?

इन्वेस्टिंगन्यूज़ डॉट कॉम के मुताबिक, फर्स्ट मैजेस्टिक के सीईओ कीथ न्यूमेयर ने सुझाव दिया है कि चांदी की कीमत 100 डॉलर या यहां तक कि 130 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुंच सकती है। हालांकि, आपूर्ति संबंधी बाधाएं बनी रहने की स्थिति में 100 डॉलर का लक्ष्य यथार्थवादी माना जा रहा है, जबकि कई विश्लेषक फिलहाल और ज्यादा मामूली लक्ष्यों को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं।

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