यूपी में मधुमक्खी पालन से स्वरोजगार का होगा विस्तार : दिनेश प्रताप सिंह

  • मधुमक्खी पालन के लिए 90 दिनों का निःशुल्क प्रशिक्षण देगी योगी सरकार
  • सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज में होगा मधुमक्खी पालन का निःशुल्क प्रशिक्षण

लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि योगी सरकार किसानों की आय बढ़ोतरी के लिए सार्थक कदम उठा रही है। प्रदेश में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित कर रोजगार सृजन और शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार किसानों को प्रेरित कर रही है। साथ ही मधुमक्खी पालन के लिए 40 प्रतिशत अनुदान भी प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन से औद्यानिकी में स्वरोजगार का विस्तार होगा। मधुमक्खियां प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आर्थिक वृद्धि, फसलों में पर-परागण से उत्पादन क्षमता में वृद्धि तथा पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान करतीं हैं।

उद्यान मंत्री श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि के साथ ऐसे अनुपूरक व्यवसायों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिनमें कम भूमि और कम पूंजी की आवश्यकता होती है। मधुमक्खी पालन ऐसा ही व्यवसाय है, जिसे अपनाकर किसान कम समय और कम लागत में अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक ढंग से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, सहारनपुर व बस्ती तथा राजकीय उद्यान, प्रयागराज में 16 सितम्बर से 15 दिसम्बर, 2025 तक तीन माह का निःशुल्क प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जा रहा है।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डॉ. भानु प्रकाश राम ने बताया कि 90 दिवसीय प्रशिक्षण में पुरुष एवं महिलाएं सभी वर्ग के अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने निकटतम केन्द्र संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र सहारनपुर/बस्ती अथवा अधीक्षक, राजकीय उद्यान प्रयागराज से सम्पर्क कर निर्धारित रूप-पत्र पर आवेदन करना होगा। प्रशिक्षणार्थियों को ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। आवेदन की अंतिम तिथि 16 सितम्बर 2025 है। आवेदन पत्र के साथ दो सभ्रांत व्यक्तियों या राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण पत्र आवश्यक है।

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