लखनऊ. कोरोना काल के बीच बिजली विभाग लोगों को बड़ा झटका देने जा रहा है। पावर कॉर्पोरेशन बिजली दरों में पांच से आठ फीसदी तक बिजली दरों में बढ़ोत्तरी करने जा रहा है। उसने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की कमियों पर गुपचुप तरीके से जवाब दाखिल कर दिया है। हालांकि, उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया है। राज्य व सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियों की तरफ से अभी तक कैटेगरी वाइस बिजली दर बढ़ोत्तरी का कोई प्रस्ताव दाखिल नहीं किया गया है। एआरआर पर जो जवाब दाखिल किया गया है। उसमें पावर कार्पोरेशन ने नियामक आयोग से अपने गैप की भरपाई कराने की मांग की है।
16 फीसदी कम हो जाएगी बिजली की दरें
परिषद का कहना है कि कंपनियों पर उपभोक्ताओं का उदय व ट्रूअप का बकाया पास ऑन कर दिया जाए तो 25 फीसदी बिजली की दरों में कमी हो जाएगी। अगर इसमें बिजली कंपनियों के 4500 करोड़ के गैप को और कम कर दिया जाए तब भी 16 फीसदी बिजली की दरों में कमी आ जाएगी। परिषद का आरोप है कि बिजली दर में बढ़ोत्तरी के लिए कंपनियों ने लाइन हानियों का सहारा लिया है। बिजली कंपनियों ने पहले बिजली दर बढ़ाने के नियत से छह प्रतिशत लाइन हानियां बढ़ा कर एआरआर दाखिल किया। इसमें गैप लगभग 4500 करोड़ रुपये दिखाया गया है।