Basti : ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर बैन के बाद सख्ती, अस्पतालों को मिली कड़ी चेतावनी

  • शासन ने जारी की एडवाइजरी तो सक्रिय हुआ स्वास्थ्य महकमा
  • महिला चिकित्सालय के सीएमएस ने शासन के निर्देशों के अनुपालन की बाल रोग विशेषज्ञों को दिए निर्देश

Basti : मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत के बाद ”कोल्ड्रिफ” कफ सिरप पर बैन के बाद शासन चौकन्ना हो गया है। इसे लेकर शासन ने एडवाइजरी जारी की है। इसके क्रम में दो वर्ष तक के बच्चों को कफ सीरप देने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। सर्दी खासी, जुकाम में उनका इलाज अन औषधिये उपाय से होगा। महिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. अनिल कुमार ने इसे लेकर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों से बातचीत कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर सीएमओ डॉ. राजीव निगम ने सभी निजी अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोरों पर कप सिरप की बिक्री तुरंत रोकने और स्टॉक की जानकारी देने का आदेश दिया है।

वहीं औषधि विभाग ने ड्रग इंस्पेक्टर के जरिये दवा दुकानों से सैंपल लेने और जांच के लिए तैयारी किए हुए है। बताया जा रहा है कि सिरप में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया जो किडनी को फेल कर देता है। निजी अस्पतालों और डॉक्टरों को भी इस ब्रांड के इस्तेमाल से बचने की हिदायत दी गई है। विभाग ने संदिग्ध दवाओं की सैंपलिंग और जांच तेज कर दी है। ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि मेसर्स श्रेसन फार्मास्यूटिकल की कफ सिरप पर रोक लगाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। सरकारी और निजी संस्थानों में दवा की सैंपलिंग कराई जाएगी। सरकारी और निजी संस्थानों में कफ सिरप के आयात निर्यात पर रोक है। साथ ही सरकारी और निजी संस्थानों से कप सिरप के लिए सैंपल लिए जाएंगे। बताया कि संदिग्ध दवा के सैंपल कलेक्ट कर लखनऊ की लेबोरेटरी में जांच के लिए भेज जाएगा। बताया जाता है कि राजस्थान, दिल्ली और दूसरे प्रदेशों में दवा के भयंकर साइड इफेक्ट के बाद एक्शन शुरू है।

सेटिंग की दवा में डॉक्टर करते हैं खेल

जिले में निजी अस्पताल में खुले मेडिकल स्टोरों पर डॉक्टर सेटिंग की ही दवा लिखते हैं। यदि मरीज बाहर वह दवा लेना चाहे तो नहीं मिलती। ऐसे में कई दवाएं संदिग्ध होती हैं। कई एक्सपायर तक बेंच दी जाती हैं। इसका खुलासा भी कई बार जांच में हो चुका है। सेटिंग के दुकानों पर सिरप से लेकर दवा और अन्य टॉनिक भी सेटिंग वाले दिए जाते हैं। यह दवा लोकल कंपनियों के माध्यम से बाजार में पहुंच रही है। इसके कथित दलाल सक्रिय हैं। अब जांच के बाद निर्मित कफ सिरप पर संदेह होने पर खलबली है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग अलर्ट हो गया है। क्योंकि सर्दी के सीजन में अलग-अलग कंपनियों के कफ सिरप की खपत बढ़ जाती है। इससे पहले मामला प्रकाश में आने पर सख्ती शुरू होने से कथित कारोबारियों में हड़कंप जैसी स्थिति है। थोक और फुटकर दवा दुकानों पर रविवार को कई प्रकार की चर्चाएं भी होती रही।

सीएमएस, महिला चिकित्सालय बस्ती डॉ. अनिल कुमार ने बताया सभी बाल रोग विशेषज्ञों को एडवाइजरी के मुताबिक कफ सिरप के इस्तेमाल का निर्देश दिया गया है। शासन के निर्देशों को शत प्रतिशत पालन कराया जाएगा। इसके लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

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