
बस्ती। आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने पर आज प्रचारक और विद्या भारती के पूर्वी यूपी के मंत्री सौरभ मालवीय पहुंचे, उन्होंने कहा आरएसएस एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है जो समाज के सेवा के द्वारा राष्ट्री हित में लगातार काम कर रही है।
वही जनसंख्या बढ़ाने को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान दिया था जिसके बाद घमासान मचा हुआ है, इसी क्रम में आज आरएसएस के प्रचारक ने संघ प्रमुख के बयान का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा देश के संतुलन के लिए हिंदुओं को तीन बच्चे जरूर पैदा करने चाहिए ताकि देश में घट रही हिंदुओं की आबादी संतुलित रहे। कहा कि एक औसत मानक है कि एक परिवार के तीन सदस्य होने चाहिए वरना वो समाज धीरे धीरे विलुप्त हो जाता है, भारतीय पीढ़ियों को आगे बढ़ाने के लिए और समाज को संतुलित करने के लिए देश के नागरिकों को तीन बच्चे अवश्य पैदा करना होगा। मोहन भागवत के बयान को राष्ट्रहित का बताते हुए सौरभ मालवीय ने कहा कि हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघ प्रमुख के बयान पर अमल करना होगा। वर्तमान पीढी के भविष्य के निर्माण और समाज को संतुलित करने के लिए समाज के लोगो को जागरूक होकर इस दिशा में आगे बढ़ना होगा।
वही महिलाओं पर जबरन तीन बच्चे पैदा करने की नीति थोपने के सवाल पर आरएसएस नेता सौरभ ने कहा कि महिलाएं मातृ शक्ति है, आदरणीय है उनके बारे में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल तो दूर की बात सोचना भी निंदनीय है। वही रोजगार के सवाल पर कहा किसी भी देश या प्रदेश की सरकार की शक्ति दो करोड़ लोगों को ही काम देने की है, इसलिए स्वरोजगार और स्वदेशी इसके लिए बेहतर विकल्प है जो लोगों को आत्मनिर्भर की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकता है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के सवाल पर सौरभ मालवीय ने दो टूक कहा भारत सहिष्णु राष्ट्र है और यहां रहने वाला हर भारतीय भारत की संस्कृति को मानता है।
सौरभ मालवीय ने पत्रकारों से कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान आज देश के सबसे बड़े शैक्षणिक आंदोलनों में से एक है, जो गुणवत्तापूर्ण और संस्कृति-युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्या भारती मूल्य-आधारित और समावेशी शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में रत है। विद्या भारती का मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रीयता आधारित शिक्षा प्रणाली का प्रचार प्रसार करना है। 1952 में गोरखपुर में एक विद्यालय से प्रारंभ कर यह संस्था आज 684 जिलों में 12,118 विद्यालयों का संचालन कर रही है। कहा तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया में, संस्था यह सुनिश्चित करती है कि नैतिकता और चरित्र निर्माण को प्राथमिकता देते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल उपकरणों का उपयोग जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। विद्यालयों में AI सक्षम लर्निंग प्लेटफॉर्म, डिजिटल क्लासरूम अपनाए जा रहे हैं और यह सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। वर्तमान में 507 से अधिक विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की जा चुकी है, जो AI, रोबोट कोडिंग और अन्य उभरती तकनीकों में बच्चों को हाथों -हाथ सीखने का अवसर देती हैं।
वैश्विक STEM मानकों की दिशा में कार्य करते हुए भी संस्था का नैतिक मानदंड भारतीय दर्शन द्वारा निर्धारित होता है आरएसएस नेता सौरभ मालवीय ने कहा कि विद्या भारती विद्यार्थियों को ज्ञानवान, चरित्रवान, प्रखर राष्ट्रभक्त बनाने में सतत सक्रिय रहने के साथ ही देश की आपदा की किसी भी परिस्थिति में सहयोग के लिए तत्पर रहा है। विद्या भारती शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय पुनर्जागरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है। आरएसएस संगठन समाज के सभी वर्गों से आह्वान
करते हैं कि वह इस प्रयास में सहभागी बनें, जिससे राष्ट्र की आवश्यकता अनुसार व्यक्तियों का निर्माण हो और राष्ट्र विकसित और आत्मनिर्भर बने।
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