बस्ती : स्वास्थ्य विभाग का कारनामा! लग्जरी वाहनों के बजाय आटो रिक्शा व बाइक का उपयोग, लाखों रुपए का गोलमाल

बस्ती। जिला चिकित्सालय से लेकर सीएमओ कार्यालय तक भ्रष्टाचार से पांव पसार रखा है। स्टोर से लेकर सीएमओ व एसआईसी के नाक के नीचे भ्रष्टाचार का खुला खेल अधिकारी व कर्मचारी दवा माफियाओं से मिलकर खेल रहे हैं, मगर चारो ओर चुप्पी है।

एसआईसी जिला अस्पताल में गुपचुप ढंग से करोड़ों रुपये का बजट डकारने को लेकर दीपक मिश्र ने आयुक्त तक आवाज पहुंचाई, तो इधर सीएमओ दफ्तर में तैनात एक बाबू ने वाहनों में खेल कर दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न योजनाओं के संचालन व उसके पर्यवेक्षण के लिए निजी वाहनों को लिया जाता है। इसको लेकर बाबू ने अधिकारियों के साथ मिलकर खेल किया। बोलरो या अन्य लग्जरी वाहनों को किराए पर तो लेकर भुगतान किया गया, मगर आरटीओ ऑफिस से जांच में उनके से तमाम वाहन ऑटो रिक्शा व बाइक के नंबर पाए गए हैं। इन वाहनों का उपयोग दिखाकर लाखों रुपये का गोलमाल किया गया है। यह मामला पूर्व ब्लॉक प्रमुख और कप्तानगंज विधायक के प्रतिनिधि गुलाब चंद्र सोनकर ने डीएम को शिकायती पत्र देकर उठाए हैं।

उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में जो प्राइवेट वाहन हायर किए गए हैं, उनमें बड़ा घपला कर सरकारी धन का दोहन किया जा रहा है। उन्होंने सीएमओ कार्यालय से प्राइवेट गाड़ियों की सूची मांगी और सीएमओ कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची को आरटीओ कार्यालय से सत्यापित कराई, तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। UP 45 AT 6155 को सीएमओ कार्यालय की लिस्ट में बोलेरो दिखाया गया है, जबकि आरटीओ इस नंबर की गाड़ी को ऑटो रिक्शा बता रहा है। इसी तरह, UP 51 AF 7804 को सीएमओ कार बता रहा है, जबकि आरटीओ इसे मोटर साइकिल बता रहा है।

वहीं, UP 51 AB 8313 को सीएमओ बोलेरो बता रहा है, जबकि आरटीओ की वेरिफिकेशन में इसे मोटर साइकिल बताया गया है। इसके अलावा, 7 वाहनों की सूची में ऐसे हैं जो बिना परमिट के चल रहे थे, जबकि नियम है कि बिना परमिट के कोई भी गाड़ी विभाग में हायर नहीं की जा सकती। इसके अलावा, एक ही व्यक्ति को पिछले कई सालों से प्राइवेट गाड़ियों का ठेका दिया जा रहा है, उसकी भी जांच की मांग की गई है।

इसकी शिकायत डीएम से की गई है। डीएम ने सीडीओ के नेतृत्व में त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया है। सन 2022, 2023, 2024 में इस तरह के फर्जीवाड़े किए गए हैं। आरटीआई के तहत पिछले सालों का रिकॉर्ड मांगा गया, जो अब तक पूरा उपलब्ध नहीं कराया गया है। जितनी सूची स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराई है, उसमें एक ऑटो, दो बाइक के नंबर और 7 बिना परमिट की गाड़ियों को शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि पिछले कुछ सालों की गाड़ियों की जांच कर ली जाए, तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।

डीएम रवीश गुप्ता ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है कि स्वास्थ्य विभाग में जो प्राइवेट गाड़ियां हायर की गई हैं, वे फोर व्हीलर की जगह थ्री और टू व्हीलर गाड़ियां हैं। इस मामले का सीएमओ से परीक्षण कराया गया है। उन्होंने बताया कि जो लिस्ट में गाड़ियों के नंबर हैं और जो आरसी कार्यालय में जमा हैं, उनमें एक-दो अक्षर का फर्क है, जिसकी वजह से यह शिकायत उत्पन्न हुई है। परंतु, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीडीओ को जांच कर आख्या देने के लिए कहा गया है।

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