बस्ती : जुलाई में मानक से अधिक बंट गई खाद, अगस्त में बढ़ी किल्लत

बस्ती। जिले में यूरिया खाद को लेकर हाहाकार मचा है। जून माह में निजी क्षेत्र की दुकानों को खाद आवंटित कर दिया गया था। जुलाई में वितरण शुरू होते ही कालाबाजारियों का डंका बजने लगा। पीओएस मशीन के जरिये वितरण में लंबा खेल हो गया। एक- एक किसान के नाम चार से 13 बार में 40- 40 बोरियों से अधिक यूरिया खाद आवंटित कर दी गई। 24 जुलाई तक जिले में यूरिया खाद के वितरण का आंकड़ा मानक से 56 प्रतिशत अधिक पहुंच गया। शासन से यहां जांच के लिए टीम पहुंच गई। इसके बाद वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली का खुलासा हुआ। हड़कंप मचने के बाद यूरिया का वितरण प्रभावित हो गया है।

अब ज्यादातर खाद समितियों से वितरित की जा रही है। विभागीय दावे के मुताबिक वर्तमान में 40 से अधिक समितियों पर खाद की उपलब्धता है। लगभग 19 हजार एमटी यूरिया खाद समितियों पर उपलब्ध बताई जा रही है। जबकि निजी क्षेत्र की दुकानों पर 700 एमटी खाद की उपलब्धता है। इधर जुलाई में निजी क्षेत्र के दुकानों पर आवंटन कम होने से दुकानदार खाद नहीं वितरित कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि 100- 50 बोरी खाद मिल पा रही है। जिसे एक से दो घंटे में वितरित कर दिया जा रहा है। वहीं समितियों के सचिवों का कहना है कि खाद की आपूर्ति होते ही समितियों पर किसानों की अधिक भीड़ जुट जा रही है।

इसके अलावा सर्वर भी डाउन चल रहा है। इससे वितरण में दिक्कत आ रही है। वहीं हर्रैया क्षेत्र के किसान राम फल, भानपुर के सुभाष आदि का कहना है कि शुरूआत में बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी होने के कारण इन दिनों वितरण धीमी गति से किया जा रहा है। ताकि सीजनल आंकड़ा में बहुत ज्यादा खाद की खपत न दर्ज हो सकें। इस चक्कर में वास्तविक किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि इतने हंगामे के बाद भी निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर यूरिया खाद किसानों को मिल रही है। हालांकि 15 अगस्त तक जिले में लक्ष्य से अधिक खाद बंट चुकी है। इस तिथि तक 45849 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष 48552 एमटी खाद का वितरण हुआ है।

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