
Basti : वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के गनेशपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10, पटेल नगर निवासी मेवालाल ने अपनी प्रसव पीड़ित पत्नी रीता देवी को नार्मल डिलीवरी का झांसा देकर बच्चेदानी निकाल देने के मामले में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी सहित संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों को पत्र भेजकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मेवालाल ने चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला तो वह अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह करने को बाध्य होगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्साधिकारी की होगी।
भेजे गए पत्र में मेवालाल ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रसव पीड़ित पत्नी रीता देवी को आशा बहू तारा देवी के साथ जिला महिला चिकित्सालय लेकर गए। आशा तारा देवी ने अल्ट्रासाउंड कराने के बाद नार्मल डिलीवरी कराने का आश्वासन दिया और उन्हें फातिमा हास्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर, पटेलवा कटरा-बस्ती (निकट संत कबीर नगर) ले जाया गया। वहां दो डॉक्टर मिले, जिनका नाम डॉ. अफसाना हैदर और डॉ. एम.जेड. अंसारी था।
उक्त दोनों डॉक्टरों ने रीता देवी को लेबर रूम में ले जाकर नार्मल डिलीवरी कराने का दावा किया, लेकिन उनके उपचार के दौरान अधिक रक्तस्राव होने लगा और उनकी पत्नी की बच्चेदानी निकाल दी गई। यह उनका पहला बच्चा था और अब वह कभी मां नहीं बन सकतीं। मेवालाल का आरोप है कि डॉ. अफसाना हैदर और डॉ. एम.जेड. अंसारी ने उनके साथ घोर अत्याचार किया।
मंगलवार को मेवालाल ने कहा कि 26.07.2024 से उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उनकी पत्नी की हालत बिगड़ने पर डॉ. अफसाना हैदर और डॉ. एम.जेड. अंसारी ने उसे जबरन रेफर कर दिया। विरोध करने पर उसे धमकियां भी दी गईं।
पत्र में मेवालाल ने यह भी बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती ने जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने कई बार जांच की, लेकिन रिपोर्ट फाड़ दी गई और मोटी रकम लेकर प्रकरण को निस्तारित कर दिया गया। जबकि सीएमओ कार्यालय ने कहा कि उक्त अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। जांच टीम ने धन लेकर उजड़े हुए परिवार के खुशियों का गला घोंट दिया और अयोग्य डॉ. अफसाना हैदर व डॉ. एम.जेड. अंसारी को बचा लिया। मेवालाल का कहना है कि उक्त दोनों डॉक्टरों के पास एमबीबीएस की डिग्री भी नहीं है। डॉ. एम.जेड. अंसारी ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने शिकायत की तो खानदान सहित उन्हें नुकसान पहुँचाया जाएगा।
मेवालाल ने न्याय की गुहार लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वह अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह करने को मजबूर होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्साधिकारी की होगी।
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