Basti : महिला अस्पताल में फर्जी डिग्री का मामला, रेडियोलॉजिस्ट का पंजीकरण रद्द

  • महिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक, एमओ का कार्य कर रहे हैं
  • डीजी प्रशिक्षण के पत्राचार के बाद विभाग में मची थी खलबली

Basti : जिला महिला अस्पताल में एक चिकित्सक ऐसे हैं जिन्होंने फर्जी डिग्री पर रेडियोलॉजिस्ट का कार्य किया। जांच में पकड़े जाने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था, मगर तैनाती के दौरान जिनका अल्ट्रासाउंड उन्होंने किया, उसकी सत्यता पर सवाल खड़े होने लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने मानव संसाधन पोर्टल पर अपनी डिग्री भी गोपनीय ढंग से बदलवा दी। पहले उनकी डिग्री एमडी रेडियोलॉजी और एमडी जनरल मेडिसिन पोर्टल पर दर्शायी गई थी। बाद में उसमें फेरबदल कर इसे एमडी हॉस्पिटल और पीजी डिप्लोमा दर्शा दिया गया। अब सवाल यह उठता है कि उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली जैसे गोपनीय पोर्टल में यह बदलाव कैसे करा लिया।

हालांकि फर्जी डिग्री मिलने के बाद उन्हें रेडियोलॉजिस्ट से हटा दिया गया था। वर्तमान में वह महिला अस्पताल में एमओ का कार्य कर रहे हैं।
जिला महिला अस्पताल में लंबे समय तक अल्ट्रासाउंड सेवा ठप रही। इसके लिए सीएमओ ने कई बार रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के प्रयास किए। जुलाई 2023 में सीएचसी परशुरामपुर में तैनात चिकित्सक ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कूटरचित तरीके से अपनी डिग्री प्रस्तुत कर जिला महिला अस्पताल में बतौर रेडियोलॉजिस्ट और अल्ट्रासाउंड कार्य के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट में पंजीकरण कराया। सीएमओ ने अल्ट्रासाउंड के लिए सहमति दी और जुलाई से अल्ट्रासाउंड करने लगे।

करीब 21 माह तक उन्होंने गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया। छह माह बाद डिग्री संदिग्ध होने पर शिकायत हुई और मामला शासन तक पहुंचा। महानिदेशक प्रशिक्षण ने जांच शुरू कराई। अल्ट्रासाउंड के लिए जो डिग्री लगाई गई थी, उस कॉलेज से संपर्क करने पर पता चला कि वह मान्यता प्राप्त केंद्र नहीं है। इसके बाद महानिदेशक प्रशिक्षण, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने सीएमओ बस्ती को पत्र जारी कर कहा कि जिला महिला अस्पताल में स्थापित अल्ट्रासाउंड मशीन के सापेक्ष पंजीकृत चिकित्सक का पंजीकरण नियमानुसार नहीं है।

तत्काल पंजीकरण रद्द करते हुए शासन स्तर से प्राप्त निर्देशों के क्रम में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से छह माह का अल्ट्रासोनोग्राफी प्रशिक्षण पूर्ण कर परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके डॉ. विमल द्विवेदी का पंजीकरण यथाशीघ्र जिला महिला चिकित्सालय में कराते हुए महानिदेशालय को अवगत कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद सीएमओ डॉ. राजीव निगम ने फर्जी डिग्री वाले चिकित्सक का पंजीकरण रद्द करने के लिए डीएम से अनुमोदन मांगा। डीएम के मार्गदर्शन के बाद पंजीकरण रद्द किया गया और डॉ. विमल का पंजीकरण पीसीपीएनडीटी में कराते हुए अल्ट्रासाउंड के लिए नामित किया गया।

सीएमएस ने शासन को भेजा चिकित्सकों का नियतन:
महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल कुमार ने शासन को चिकित्सकों की तैनाती व रिक्तियों का नियतन रिपोर्ट भेजी। अपर निदेशक कार्मिक चिकित्सक एवं स्वास्थ्य सेवाएं, लखनऊ को भेजे पत्र में बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञ के लिए अस्पताल में कुल नौ पद स्वीकृत हैं, जिनमें चार पद भरे हैं और पांच रिक्त हैं। निश्चेतक के दो पदों के सापेक्ष तीन की तैनाती है। बालरोग विशेषज्ञ के एक पद के सापेक्ष एक की तैनाती है। रेडियोलॉजिस्ट के एक पद के सापेक्ष दो तैनात हैं। पैथालॉजिस्ट एक पद के सापेक्ष एक तैनात है। ईएमओ के तीन पदों में कोई तैनाती नहीं है।

पत्र में यह भी बताया गया कि बालरोग विशेषज्ञ डॉ. तैयब अंसारी को अपर निदेशक चिकित्सक एवं स्वास्थ्य के आदेश पर 14 अक्टूबर को जिला अस्पताल में संबद्ध कर दिया गया है। वर्ष 2023 में डॉ. आशुतोष शर्मा की तैनाती अस्पताल में हुई थी। उन्होंने अतिरिक्त रूप से कार्य किया। सीएमएस ने कहा कि अस्पताल में तैनात चिकित्सक व रिक्त पदों की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

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