
Dubaulia, Basti : दुबौलिया ब्लॉक के न्यायपंचायत बैरागल में स्थित साधन सहकारी समिति बैरागल को काफी जद्दोजहद के बाद व्यापार कर विभाग ने जीएसटी नंबर प्रदान किया, जिससे समिति के लंबे समय से बंद कारोबार को पुनः शुरू करने की उम्मीद बढ़ गई है।
व्यापार कर विभाग की अड़ंगेबाजी के कारण जीएसटी नंबर न मिलने से समिति द्वारा खाद का उठान एवं वितरण नहीं किया जा रहा था, जिससे किसानों के सामने उर्वरक का संकट पैदा हो गया था।
इस बाबत सचिव संजीव सिंह ने बताया कि सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन को लेकर काफी पत्राचार किया और अंततः व्यापार कर विभाग ने जीएसटी नंबर देने में लगाई गई अड़ंगेबाजी को समाप्त कर रजिस्ट्रेशन नंबर बहाल किया। इससे अब लंबे समय से निष्क्रिय समिति में कारोबार शुरू हो सकेगा।
सचिव ने बताया कि बैरागल समिति 18 जुलाई 2018 को कूट-रचना की शिकार हुई थी, जब नए बंदोबस्त में पुराने गाटा नंबर को एक नया नंबर 300/99 दिया गया। तब शिवप्रसाद मिश्र ने लालच में आकर टकटकवा गांव की सुशीला देवी से दुरभिसंधि कर कूट-रचित दस्तावेज के जरिए खुद को बैनामा की गई जमीन पर निजी दिखाकर 21 दिसंबर 2017 को सुशीला देवी के नाम बैनामा कर दिया, जबकि वर्षों से समिति संचालन में थी।
बैनामे की जानकारी मिलने के बाद सुशीला देवी के परिजन एवं फर्जी बैनामे के गवाह पंकज कुमार और अरुण गोलबंद होकर समिति पर कब्जा करने का प्रयास किया, लेकिन जन विरोध के कारण इसमें विफल रहे।
प्रकरण को लेकर दुबौलिया थाने में एफआईआर संख्या 161 के तहत 10 जुलाई 2018 को सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया, जो न्यायालय में प्रचलित है।










