
- लापरवाही का खेल और कप्तान का कोड़ा
- कोतवाली में छाई खामोशी, बढ़ा डर
भास्कर ब्यूरो
देवरनियां, बरेली। ज़िले की देवरनियां कोतवाली इस वक्त चर्चाओं के केंद्र में है, और इसकी वजह कोई बड़ी सफलता नहीं, बल्कि लगातार हो रही अनुशासनात्मक कार्रवाइयाँ हैं। देवरनियां कोतवाली के पुलिसकर्मियों पर एक के बाद एक निलंबन की गाज गिर रही है और इस सब के पीछे हैं।
तेज़तर्रार एसएसपी अनुराग आर्य, जिनकी ईमानदारी और जीरो टॉलरेंस नीति अब लापरवाह पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ रही है।पिछले पंद्रह दिनों में देवरनियां कोतवाली के पाँच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। इस कार्रवाई से न सिर्फ कोतवाली में हड़कंप मचा है, बल्कि जिले भर के पुलिसकर्मी सकते में आ गए हैं। हर कोई अब एक ही बात कह रहा है- “कप्तान की नजरें गड़ गईं तो बचना मुश्किल है।” बरेली-नैनीताल हाईवे पर स्थित देवरनियां कोतवाली की यह हालत कोई अचानक नहीं हुई। यहाँ लंबे समय से कुछ पुलिसकर्मी अनुशासन और जिम्मेदारी से कोसों दूर काम कर रहे थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा – यही संदेश दिया है एसएसपी ने।इस माह की शुरुआत में देवरनियां कोतवाली के दो सिपाही – निर्वेश और नमन – को सस्पेंड किया गया था। इन दोनों पर आरोप था कि वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा घेरे की गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार थे। गांव वसुपुरा की एक महिला, सुमन, मंच तक पहुंचने की कोशिश कर पाई और यह दर्शाता है कि ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों ने लापरवाही की पराकाष्ठा पार कर दी थी।
इसके बाद तीसरे नंबर पर आया सिपाही महावीर, जिसे एक अन्य मामले में दोषी पाए जाने पर सस्पेंड किया गया।अब ताज़ा मामला सामने आया है दरोगा तेजपाल सिंह और सिपाही सुरेन्द्र का, जिन्हें एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। ये दोनों हल्का नंबर एक में तैनात थे और एक संवेदनशील मामले में लापरवाही के दोषी पाए गए। एसएसपी ने बिना किसी देर के कार्रवाई करते हुए इन्हें लाइन हाजिर कर दिया।एक के बाद एक निलंबन की कार्रवाई से देवरनियां कोतवाली का माहौल पूरी तरह बदल गया है। जहां पहले पुलिसकर्मी ढीले रवैये से काम करते थे, वहीं अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। हर कोई डर में है कि कहीं कप्तान की गाज उस पर न गिर जाए।एसएसपी अनुराग आर्य की यह शैली बिल्कुल स्पष्ट है – लापरवाही, भ्रष्टाचार या जनता के साथ दुर्व्यवहार की कोई जगह नहीं। पुलिस विभाग में अनुशासन और जिम्मेदारी की बहाली उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। और यही वजह है कि देवरनियां कोतवाली के तमाम पुलिसकर्मी अब समय से पहले दफ्तर पहुंचने लगे हैं, फाइलों की सफाई शुरू हो चुकी है और हर छोटी-बड़ी बात को गंभीरता से लिया जाने लगा है। जहां एक ओर कई पुलिसकर्मी कप्तान के कोप से डरकर सुधरने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं देवरनियां कोतवाली के कोतवाल दिनेश कुमार शर्मा और क्राइम इंस्पेक्टर रामवीर सिंह जैसे अफसर कप्तान की गाइडलाइन पर पहले से ही ईमानदारी से काम कर रहे हैं। ये अधिकारी उदाहरण बनकर सामने आए हैं और दिखाया है कि कप्तान की सख्ती सिर्फ गलत को लेकर है, जो सही है वह उनका सम्मान पा रहा है।