
- अब चल पड़ी कानून की चोट
- भमोरा में 10 मासूम बाल मजदूर छुड़ाए गए
बरेली। जो हाथ किताब थामने चाहिए थे, वे बर्तन और झाड़ू थामे थे। जो बच्चे खेल के मैदान में होने चाहिए थे, वे होटल-ढाबों में काम करते पाए गए। थाना भमोरा क्षेत्र में मंगलवार को बालश्रम के खिलाफ चले अभियान में शर्मनाक तस्वीरें सामने आईं। श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन और थाना एएचटीयू की संयुक्त टीम ने 22 जगहों पर छापेमारी की और 10 मासूमों को बालश्रम से मुक्त कराया।
छापे से हड़कंप, मालिकों ने झूठ-सच का सहारा लिया
ग्राम देवचरा, बल्लिया और भमोरा में होटलों, दुकानों और ढाबों पर जांच के दौरान टीम को नाबालिग बच्चे काम करते मिले। कहीं झूठ बोलकर उम्र छुपाई जा रही थी, तो कहीं बच्चों को “रिश्तेदार” बताकर बचाव की कोशिश हुई। लेकिन टीम ने मौके पर ही कार्रवाई कर बच्चों को माता-पिता के हवाले किया।
6 सेवायोजकों पर शिकंजा, बाकी को चेतावनी

श्रम विभाग ने 6 प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण टिप्पणियां दर्ज की हैं और आगे कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। बाकी दुकानदारों को साफ संदेश दिया गया—अगर बच्चे से काम करवाया, तो दुकान सील होगी और मुकदमा भी दर्ज होगा।
टीम ने दुकानदारों को पढ़ाया कानून का पाठ

टीम ने सभी प्रतिष्ठानों पर बालश्रम निषेध कानून और सरकारी नीति की जानकारी दी। कहा गया—18 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराना अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा तय है।
कड़ी कार्रवाई में ये अधिकारी रहे शामिल
श्रम प्रवर्तन अधिकारी : राकेश कुमार, पवन कुमार, बी. राम चाइल्ड लाइन ललित मिश्रा, एएचटीयू पुलिस उपनिरीक्षक योगेश्वर प्रसाद शर्मा, सत्यप्रकाश, हेड कांस्टेबल आलोक कुमार, महिला कांस्टेबल शिवानी आदि मौजूद रहे।