Bareilly: होमगार्ड की संदिग्ध मौत, गांव में पसरा मातम

Bareilly: शीशगढ़ थाने में तैनात एक होमगार्ड की अचानक मौत ने न केवल उनके परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया, बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी। मृतक की पहचान यशपाल (45 वर्ष) पुत्र स्व. महेंद्र सिंह, निवासी ढकिया डैम, थाना शीशगढ़ के रूप में हुई है। शुक्रवार को पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।


यशपाल गुरुवार देर रात अपने घर पर ही थे जब उन्हें पेट में असहनीय दर्द की शिकायत हुई। परिजनों ने तत्काल उन्हें निकटवर्ती धनेटा के एक निजी अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। भतीजे सूरजपाल के अनुसार, पेट दर्द काफी तेज था और यशपाल को पसीना आ रहा था। जैसे-जैसे रास्ता कटता गया, उनकी हालत और गंभीर होती चली गई और उन्होंने अस्पताल पहुंचने से पहले ही आखिरी सांस ले ली।


मृतक यशपाल अपने पीछे पत्नी प्रेमवती और तीन संतानें—बेटा राहुल, बेटी स्वाति और रमन—को छोड़ गए हैं। परिवार की माली हालत भी कोई खास नहीं बताई जा रही है। तीनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं और घर की सारी जिम्मेदारी यशपाल पर ही थी। यशपाल का अचानक यूं चले जाना पूरे परिवार को टूट गया है। पत्नी प्रेमवती का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि बच्चे बार-बार पिता को आवाज देकर चीख रहे हैं।इस मामले में जब मीडिया ने थाना शीशगढ़ के प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम से संपर्क किया तो उन्होंने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि “हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, और मृत्यु किस कारण से हुई, यह भी अभी स्पष्ट नहीं है।” थाना प्रभारी का यह बयान पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता और सूचना व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। एक होमगार्ड, जो इसी थाने में तैनात था, उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो जाती है, और थाने को इसकी जानकारी तक नहीं?गांव ढकिया डैम में लोगों के बीच चर्चा है कि यशपाल की मौत साधारण पेट दर्द से नहीं हुई, बल्कि किसी जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यशपाल पिछले कुछ दिनों से घरेलू तनाव में थे और संभव है कि उन्होंने मानसिक दबाव के चलते कोई जहरीला पदार्थ खा लिया हो। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन गांव में यह चर्चा अब जोर पकड़ रही है।


इस संदर्भ में परिजनों की ओर से अभी तक कोई लिखित तहरीर थाने में नहीं दी गई है, न ही पोस्टमार्टम कराया गया है। यह भी संदेह को बल देता है कि कहीं परिवार किसी दबाव या भय में तो नहीं है, या फिर मामले को स्वाभाविक मौत मानकर छोड़ देने का प्रयास किया जा रहा है।चूंकि यशपाल का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, इसलिए मौत की असली वजह अभी भी अंधेरे में है। यदि यह मामला प्राकृतिक मौत का है, तो भी पेट दर्द का अचानक इतनी गंभीर अवस्था में पहुंचना असामान्य है। वहीं अगर इसमें किसी जहरीले पदार्थ का मामला है, तो यह आत्महत्या या साजिश का पहलू भी हो सकता है।मौत का कारण साफ करने के लिए पोस्टमार्टम अनिवार्य था, लेकिन उसे बिना जांच के ही अंतिम संस्कार कर देना एक बड़ी प्रशासनिक चूक कही जा सकती है।

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