बरेली: दोस्ती के इम्तिहान में पास हुआ सुमित, धधकती आग में खुद को झोंक कर बचाई दोस्तों की जान

बरेली। आइए आज हम आपको एक ऐसे जांबाज से मिलवाते है जिसने अपने दोस्तों की जान बचाकर एक मिसाल कायम की है। दिल्ली में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सुमित के क्वार्टर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। जिसके बाद लोगां की भीड़ जमा हो गई। हर तरफ चीख पुकार मची थी। ऐसे में सुमित ने बहादुरी का परिचय दिया और चौथी मंजिल पर एक कमरे में फंसे अपने दो दोस्तों को सकुशल बचा लिया। हालांकि इस दौरान सुमित आग की लपटों से काफी हद तक झुलस गया।

सुमित यादव दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 22 में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है। सुमित यादव महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है। सुमित आज बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र के मढ़ीनाथ स्थित अपने घर पहुंचे तो उनको देखने के लिए लगातार लोग आ रहे है। सुमित की बहादुरी के चर्चे दिल्ली से बरेली तक हर किसी की जुबान पर हैं। सुमित की बहादुरी के बारे में जो कोई भी सुन रहा है वो ऐसे बच्चे को एक बार जरूर मिलना चाह रहा है। सुमित की इस जाबांजी को देखकर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। सुमित के पिता सर्वेश यादव भी काफी खुश है।

सुमित ने बताया कि 26 अप्रैल को उनके कॉलेज में कार्यक्रम था। रात में वहीं रुक गए थे। सुबह करीब 5 बजे सुमित अपने दूसरे साथी के साथ अपने क्वार्टर पर पहुंचे। काफी देर तक सुमित ने दरवाजा खटखटाया और फोन भी किया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। कुछ देर बाद कमरे से धुआं निकलते देखा तो सुमित और उसके साथी ने किसी तरह से दरवाजा तोड़ा। फिर सुमित आग की लपटों से घिरे अपने दोनों साथियों को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर धधकती आग से घिरे कमरे में घुस गया और फिर एक एक करके दोनों दोस्तां को बाहर निकाल लाया। इस दौरान दोनों दोस्त आर्यन गुप्ता और अनुपम कस्तूरिया तो मामूली झुलसे लेकिन उनको बचाते वक्त सुमित के दोनां हाथ और पीठ काफी झुलस गई। सुमित को फौरन दिल्ली के सरकारी अस्पताल ले जाया गया और अब सुमित बरेली में अपने घर पर है।

सुमित की बहादुरी के बारे में जब उसके कॉलेज के प्रिंसिपल को पता चला तो उन्होंने सुमित को राष्ट्रपति से प्रशस्ति पत्र दिलवाने के लिए पत्र लिखा है। सुमित अपनी दोस्ती के इम्तिहान में भी 100 प्रतिशत अंकों से पास हो गया। सुमित की तरह ही हम सभी को हमेशा एक दूसरे का साथ देना चाहिए। सुमित की इस बहादुरी के लिए हम सभी उसे सलाम करते है।

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