बरेली। डीफार्मा और बीफार्मा के छात्रों से मिली रक़म ज़्यादा थी सोचा दूरस्थ संस्थान की फर्जी डिग्रियां देकर रकम आपस में बांट लेंगे। लेकिन छात्रों को फर्ज़ी डिग्री की जानकारी हों गईं उसके बाद कई मुक़दमे हम पर लिख गए। आरोपी विजय शर्मा ने अपनी सारी कहानी बयां की। जिसके बाद एसपी सिटी मानुष पारिक ने प्रेस वार्ता करते हुए जानकारी दी कि खुसरो कॉलेज के प्रबंधक शेर अली और उसके बेटे फिरोज अली द्वारा डी फार्मा के छात्रों के साथ धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी के बाद फरार आरोपी विजय शर्मा को लेकर प्रेस वार्ता की। एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया
थाना सीबीगंज क्षेत्र से 25 हजार के इनामी विजय शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। विजय शर्मा ने शेर अली जाफरी के साथ मिलकर 378 डी फार्मा के छात्रों को फर्जी मार्कशीट देने के साथ करीब 4 करोड़ की अवैध उगाही की थी। पुलिस की पूछताछ में विजय शर्मा ने बताया कि उसने 2019 में आस्था नाम की कंसल्टेंसी खोली जो खुद अपने नाम से रजिस्टर्ड कराई।
जिसमें कमीशन बेस पर फार्मेसी काउंसलिंग ऑफ़ इंडिया (पीसीआई ) स्कूल व कॉलेज को डीफार्मा व बीफार्मा की कमीशन के रूप में मान्यता दिलाई जाती थी। इसके बाद आरोपी ने शेर अली जाफरी से मुलाकात उनसे सांठ -गांठ कॉलेज में डी फार्मा व बी फार्मा कराने की हामी भरकर सारी व्यवस्था अपने नाम की। उसके बाद दोनों ने मिलकर बच्चों की भविष्य से खिलवाड़ करना शुरू किया। आरोपी ने बुलंदशहर के खुर्जा निवासी से बी फार्मा , डी फार्मा की मान्यता दिलाने का काम सीखा था। उसने अपनी फर्जी डिग्री बनाकर खुद को डॉक्टर के रूप में मान्यता दिला थी।
एसएसपी ने एसआईटी का किया गठन
एसएसपी अनुराग आर्या के आदेश पर बनी एसआईटी की टीम विजय शर्मा की गिरफ्तारी के लिए यूपी उत्तराखंड सहित दिल्ली में लगातार तलाश कर रही थी । इसी बीच विजय शर्मा की गिरफ्तारी सीबीगंज थाना क्षेत्र के झुमका चौराहे से एक मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तारी कर लिया गया।