बरेली: पंजाबियों ने आस्था और लगन से भव्य रामायण मंदिर को बनवाया

बरेली। अंग्रेजों की गुलामी से मिली आजादी के दौर में ही भारत पाकिस्तान का बंटवारा भी हो गया था। बड़ी संख्या में पंजाबी समाज के लोग अपना सब को छोड़कर शरणार्थियों जैसा जीवन जीने को मजबूर हो गए थे। अपनी लगन और मेहनत से अपने और अपने परिवार को केवल खड़ा ही नहीं किया वरन अपनी आस्था के केंद्र श्री रामायण मंदिर का भव्य निर्माण भी आजादी के कुछ वर्षों बाद बरेली के माधववाडी में कराया। 1969 से शुरू हुए 15 दिवसीय तुलसी जयंती का शुभारंभ 28 जुलाई से हो गया है। 

मंदिर में भव्य हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली से आए भजन गायक “मौज फकीरा दी” दीपेश सुनेजा और मनीष चौहान पधारे। उन्होंने अपनी भक्ति पूर्ण रचनाओं से ऐसा समां बांधा की भक्तजन भक्ति की मस्ती में नृत्य करने लगे। संकीर्तन से पूर्व उन्होंने “हरे कृष्णा” महामंत्र और “संत चोखा मल” भक्त की कथा सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। 

संकीर्तन का आनंद लेने वालों में मंदिर समिति के अध्यक्ष अनिल अरोड़ा, नवीन अरोड़ा, पवन अरोड़ा, किशोर अरोड़ा, बिन्नी आनंद, दिनेश अरोड़ा, भविष्य अरोड़ा, जनक राज, राम अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

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