बरेली: पुलिस वाला बना शोहदा, छात्रा से करता है छेड़छाड़

बरेली। जब पुलिस ही रक्षक से भक्षक बन जाए तो क्या हाल होगा। वैसे भी बरेली पुलिस के दामन में कम दाग नहीं लगे है। कप्तान की सख्ती के बाद भी लगातार पुलिस वाले छवि धूमिल करने में लगे है। कहने को कप्तान ने पदभार ग्रहण करते ही साफ कर दिया था कि पुलिस वाले अपनी छवि सुधार लें। लेकिन उनका यह आदेश हवा हवाई हो गया। जिस कारण अभी भी पुलिस वाले बाज नहीं आ रहे हैं।

बारादरी में एक छात्रा का पुलिस वाले ने जीना दुश्वार कर दिया है। वह जब कॉलेज जाती है तो उसके साथ पुलिस वाला अपने दो साथियों के साथ छेड़खानी करता है। जब वह विरोध करती है और घर पर शिकायत करने की बात करती है तो उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है। इस मामले में छात्रा ने आरोपियों के खिलाफ एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

थाना बारादरी के दुर्गा नगर निवासी छात्रा ने बताया वह काफी दिनों से तनाव में रह रही है। जब भी वह कालेज या अन्य कार्य से बाहर जाती है। उसे तीन युवक दुर्गेश, राहुल और राज रास्ता रोक कर उसके साथ छेड़खानी करते हैं। जब वह विरोध करती है तो उसके साथी गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हैं। राहुल कहता है कि वह पुलिस वाला है।

उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अपने घर पर कोई भी बात कही तो उसे जान से मार दिया जाएगा। इस मामले में छात्रा ने राज की मां नन्ही से शिकायत की। तो राज की मां ने अपने रिश्तेदार को बुलाकर उसके घर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट की।

इस मामले में छात्रा ने थाने में शिकायत की तो पुलिस ने कार्रवाई करने के बदले उसे ही बूरा भला कहकर थाने से भगा दिया। इसके बाद छात्रा ने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इस बारे में बारादरी इंस्पेक्टर अमित कुमार पांडे को फोन मिलाया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

कप्तान के आदेश पुलिस के लिए हवा-हवाई

यहां कई थानों के इंजार्च अधिकारियों से भी अपने आप को बड़ा समझते हैं। वह लोग किसी का फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझते। जबकि सरकार ने उन्हें सीयूजी नंबर जनता की सेवा करने के लिए दिया है। लेकिन कई थाना प्रभारी अपने आप को कप्तान से भी बड़ा समझने लगे हैं। 

कई थाने के प्रभारी को अगर कोई अपनी समस्या या कहीं दिक्कत में होने पर फोन करेगा। तो उसका फोन नहीं उठाया जाएगा। ऐसे नंबर से क्या फायदा। यहां तक की कई बड़े अधिकारी भी सीयूजी नंबर नहीं उठाते। अगर फोन नंबर मीटिंग में होने के कारण नहीं उठा तो व्यक्ति से कॉल बैक कर उसने फोन क्यों नहीं करते है। यह जान सकते हैं। लेकिन बरेली के अधिकारी से लेकर पुलिस कर्मचारी इस मामले में बेलगाम होते नजर आ रहे हैं।

छेड़छाड़ से तंग युवती ने किया था सुसाइड ,समय रहते हो जाती कार्रवाई तो बच जाती जान

बहेड़ी में रहने वाली महिला ने बहेड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के दौरान बताया था कि 26 मार्च को उसके घर में मोहल्ले के तहसीम, बाबू, अहमद अली, साहिब, अयाज, नियाज और युसुफ ने घर में घुसकर मारपीट कि थी। इस दौरान महिला व उसकी बेटी को मारा।

उसकी बेटी के साथ आरोपियों है ने छेड़छाड़ भी कि थी। महिला थाने रिपोर्ट लिखाने गई। लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कि। जिसके बाद आए दिन उसे आरोपी छेड़ते रहते थे। 27 जुलाई को छेड़छाड़ से परेशान होकर किशोरी ने युवती ने फांसी लगा ली। अगर समय रहते पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करती तो शायद वह सुसाइड नहीं करती।

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