
भास्कर ब्यूरो
- 10 लाख की अफीम बरामद
- रात की चेकिंग, नशे के सौदागरों पर शिकंजा
बरेली। अपराध और नशे के कारोबार को कुचलने के लिए कमर कस चुकी पुलिस ने एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है। थाना कोतवाली और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की जांबाज़ टीम ने बीती रात ऐसा काम कर दिखाया जिससे साफ हो गया कि अपराध चाहे जितना भी शातिर क्यों न हो, कानून की पकड़ से बच पाना अब नामुमकिन है। अफीम जैसे खतरनाक मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले दो अपराधियों को पुलिस ने स्टेशन रोड क्षेत्र से गिरफ्तार कर न सिर्फ भारी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त किया, बल्कि नशे के काले कारोबार पर एक बड़ा प्रहार भी किया।
शनिवार की रात, जब अधिकतर लोग गहरी नींद में थे, उस वक्त थाना कोतवाली और एसओजी की टीम स्टेशन रोड पर चेकिंग कर रही थी। तभी विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली कि दो संदिग्ध व्यक्ति रेलवे स्टेशन से रेलवे कॉलोनी की ओर संदिग्ध बैग लेकर गए हैं। पुलिस ने इस सूचना को हल्के में नहीं लिया, और पूरी गंभीरता के साथ कार्रवाई शुरू कर दी कुछ ही देर में दो व्यक्ति—रमेश चंद (55 वर्ष) और सुरेश गुप्ता (60 वर्ष)—को दबोच लिया गया। जब उनकी तलाशी ली गई, तो पुलिस की आंखें भी चौंधिया गईं। उनके बैगों से कुल 2.87 किलोग्राम अफीम बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 10 लाख रुपये आंकी गई है।यह मात्र संयोग नहीं है कि दो अलग-अलग जिलों से ताल्लुक रखने वाले दो व्यक्ति बरेली में मिलकर अफीम की तस्करी करते हुए पकड़े गए।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि अफीम और अन्य मादक पदार्थों का नेटवर्क अब ग्रामीण और शहरी सीमाओं को पार कर चुका है और एक संगठित तंत्र के रूप में कार्य कर रहा है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई महज दो अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि इस पूरे नेटवर्क को तहस-नहस करने की दिशा में एक ठोस कदम है। रमेश चन्द, बदायूं के कादर चौक क्षेत्र का निवासी है, और वर्तमान में बीडीए कॉलोनी, सुभाषनगर, बरेली में रह रहा था। इस शातिर तस्कर के पास से 1.420 किलोग्राम अफीम बरामद हुई।सुरेश गुप्ता, दातागंज, बदायूं का निवासी है। इसके पास से 1.450 किलोग्राम अफीम बरामद हुई। ये वही सुरेश गुप्ता है, जिसका आपराधिक इतिहास पहले भी नशे से जुड़ा रहा है।
वर्ष 2011 में प्रेमनगर थाना क्षेत्र में इसके विरुद्ध NDPS एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अब 2025 में फिर से वही अपराध करते पकड़ा गया। सवाल यह उठता है कि इतने वर्षों बाद भी ये व्यक्ति खुलेआम नशे का कारोबार करता रहा