
- एकता नगर में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त, तीन घंटे तक बर्बाद हुआ पानी
- खोदाई के दौरान टूटी पाइप लाइन, जल आपूर्ति बाधित
भास्कर ब्यूरो
बरेली। नगर निगम और कार्यदायी एजेंसी की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई जब बरेली के एकता नगर में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और तीन घंटे तक पानी बर्बाद होता रहा। सीएम ग्रिड योजना के तहत फेज वन का काम किया जा रहा है, लेकिन इस कार्य में न तो सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जा रहा है और न ही जनता की परेशानियों का।
बरेली नगर निगम द्वारा कराए जा रहे खोदाई कार्य में बिना किसी सुरक्षा मानक और योजना के खुदाई की जा रही है। खोदाई से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है और रोज़ाना जाम की स्थिति बन रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खोदाई के दौरान किसी भी तरह के सुरक्षा उपाय नहीं किए जा रहे, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
गुरुवार देर शाम जब खोदाई का कार्य चल रहा था, तभी पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और तीन घंटे तक हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहता रहा। जहां एक ओर शहर में जल संकट की स्थिति बनी रहती है, वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी नगर निगम की घोर लापरवाही को दर्शाती है।
जब क्षेत्रीय निवासियों ने देखा कि पाइपलाइन फट गई है और पानी बर्बाद हो रहा है, तो उन्होंने तुरंत नगर निगम को सूचना दी। लेकिन नगर निगम के अधिकारी हमेशा की तरह सुस्ती में रहे और तत्काल कार्रवाई नहीं की। इस दौरान गहरे गड्ढों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया।
यह पहली बार नहीं है जब नगर निगम की लापरवाही उजागर हुई हो। हर बार खोदाई के दौरान या तो सीवर लाइन टूटती है, या फिर पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है। ऐसे में कुछ अहम सवाल खड़े होते हैं।क्या खोदाई से पहले पाइपलाइनों की स्थिति का आकलन नहीं किया जाता?
अगर पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी, तो तुरंत उसे ठीक करने के लिए आपातकालीन टीम क्यों नहीं भेजी गई?क्या नगर निगम के पास ऐसी कोई नीति नहीं है जिससे खोदाई के दौरान पाइपलाइन और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए?
इतना कीमती पानी बर्बाद हो गया, लेकिन इसकी जवाबदेही कौन लेगा?
खोदाई की वजह से मॉडल टाउन रोड, कुष्ठ आश्रम और एकता नगर का पूरा इलाका प्रभावित हो गया। इन सड़कों पर पहले से ही जाम की समस्या बनी रहती है, और अब खोदाई की वजह से स्थिति और भी बदतर हो गई है।इसके अलावा, खोदाई के दौरान बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए गए हैं, लेकिन सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए। इनमें गिरकर किसी भी व्यक्ति के घायल होने या गंभीर हादसा होने की आशंका बनी हुई है।