
बरेली। जिले से चौंकाने वाला खुलासा सामने आया हैं।पाकिस्तान से आई शुमायला खान ने फर्जी दस्तावेजों के दम पर यूपी के सरकारी स्कूल में 9 साल तक बच्चों को पढ़ाया। सच्चाई सामने आते ही नौकरी गई, मुकदमा दर्ज हुआ, और अब तीन महीने से फरार है। पुलिस ने रामपुर-बरेली समेत कई जगह खाक छानी, लेकिन ‘शातिर शिक्षिका’ का अब तक कोई सुराग नहीं!
बताते हैं पूरा मामला 2015 में लगी थी सरकारी नौकरी
शुमायला खान की नियुक्ति साल 2015 में फतेहगंज पश्चिमी के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापिका के तौर पर हुई थी। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि वह पाकिस्तान की नागरिक है। नौकरी के लिए महिला नें रामपुर एसडीएम कार्यालय से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया और उसे लगाकर सरकारी नौकरी हथिया ली।
जांच में निकली पोल, नौकरी गई, कागज हुए रद्द
जब दस्तावेजों की पड़ताल हुई तो पता चला कि शुमायला ने गलत जानकारी देकर निवास प्रमाण पत्र बनवाया था। तहसीलदार सदर, रामपुर ने रिपोर्ट दी और फिर उसका प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया। शिक्षा विभाग ने उसे कई बार जवाब देने का मौका दिया, लेकिन हर बार मामला फर्जी निकला। आखिरकार, 3 अक्टूबर 2024 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे निलंबित कर नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
तीन महीने से फरार, पुलिस के हाथ खाली
फतेहगंज पश्चिमी थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस टीम लगातार उसे पकड़ने में जुटी है। एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि रामपुर समेत कई ठिकानों पर दबिश दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
जासूस होने का भी शक !
जहां शुमायला रहती थी, वहां के लोगों ने शक जताया है कि वह पाकिस्तानी जासूस भी हो सकती है। 9 साल तक उसने यहां नौकरी की, और किसी को भनक तक नहीं लगी! जैसे ही असली पहचान सामने आई, वह रातों-रात गायब हो गई। फिलहाल पुलिस महिला कों पकड़ने के लिये ख़ाक छान रही हैं।