बरेली : अब नहीं बिकेगी गांव की इज्जत ! महिलाओं का शराब भट्टी पर हमला, आबकारी दफ्तर पहुंच सौंपा ज्ञापन

  • शराबी माहौल से त्रस्त महिलाएं पहुंचीं आबकारी दफ्तर, शराब भट्टी हटाने को सौंपा ज्ञापन
  • नाबालिग बच्चों से मंगवाई जा रही शराब, गांव में बिगड़ रहा माहौल
  • शराबियों की बदतमीजियां चरम पर, रात में खटखटाते हैं दरवाजे
  • घरेलू हिंसा की शिकार हो रही महिलाएं, बेटियां छोड़ रही स्कूल
  • महिलाओं ने चेताया, अगर कार्रवाई न हुई तो होगा बड़ा आंदोलन

बरेली। थाना भोजीपुरा क्षेत्र के ग्राम घंघोरा पिपरिया गांव में स्थित शराब की दुकान अब गांव की महिलाओं के सब्र का बांध तोड़ चुकी है। नशे में डूबते युवाओं, स्कूल जाती बच्चियों को घूरती आंखों और परिवारों की बर्बादी के खिलाफ अब गांव की महिलाएं सड़कों पर हैं। महिला शक्ति संगठन के नेतृत्व में महिलाओं का एक दल आबकारी विभाग के दफ्तर पहुंचा और शराब भट्टी हटाने की माँग को लेकर जोरदार ज्ञापन सौंपा। यह सिर्फ एक ज्ञापन नहीं था, यह गांव की अस्मिता बचाने का एलान था।

शराब की दुकान गांव के एक मुख्य मार्ग पर स्थित है, जो अब सिर्फ एक व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं बल्कि नशे, हिंसा और महिलाओं के लिए भय का प्रतीक बन चुकी है। महिलाओं ने बताया कि इस दुकान पर हर रोज शराबियों की भीड़ जुटती है। दिन के उजाले में ही सड़कों पर लड़खड़ाते कदम, गालियों की बौछार और लड़कियों को घूरती निगाहें – ये दृश्य अब आम हो चुके हैं।

सबसे शर्मनाक पहलू यह है कि गांव की बच्चियों को स्कूल जाना बंद करना पड़ा। एक माँ ने बताया, “मेरी बेटी जब स्कूल जाती है तो रास्ते में शराबी उसे घूरते हैं, फब्तियां कसते हैं। क्या यही बेटी बचाओ का नारा है?” इस सवाल में दर्द भी है और व्यवस्था के लिए एक आईना भी।

वहीं दुकान के आसपास रहने वाले परिवार रातभर सो नहीं पाते। महिलाओं ने बताया कि शराबी अक्सर रात में दरवाजा खटखटा कर गालियां देते हैं, डराते हैं, धमकाते हैं। एक महिला ने कहा, “हमने अपने घरों के गेट के बाहर लोहे की छड़ें लगवा ली हैं, लेकिन कब तक बचेंगे?”

एक और भयावह सच्चाई यह है कि कुछ अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों को शराब लाने के लिए भेजते हैं और फिर उसी शराब के नशे में परिवार पर हाथ उठाते हैं। महिलाओं ने बताया कि गांव के कई युवक शराब की लत के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन विभागीय अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।”अब बस बहुत हुआ” – महिलाओं की चेतावनी

महिलाओं ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शराब भट्टी को नहीं हटाया गया तो वे कलेक्ट्रेट पर धरना देंगी और जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन भी करेंगी। उन्होंने कहा, “हम अपने बच्चों की जिंदगी नशे के हाथों बर्बाद नहीं होने देंगे। या तो भट्टी हटेगी, या फिर हम बैठेंगे दफ्तर के सामने।”इस ज्ञापन सौंपने के दौरान गांव के कई सम्मानित लोग भी महिलाओं के साथ खड़े दिखाई दिए। ग्राम प्रधान नरेंद्र कश्यप उर्फ सनी, केपी सागर, मास्टर राकेश कश्यप, पंचम लाल, ममता, कमलेश और दर्जनों महिलाएं इस संघर्ष की अगुआई कर रही हैं।

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