
- इज्जतनगर मंडल के 39 इंजन शामिल
बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे ने लोको पायलटों के कार्यस्थल को और बेहतर और आरामदायक बना दिया है। मंडल की सभी बड़ी लाइनों पर विद्युतीकरण पूरा हो चुका है और अब ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन से किया जा रहा है। इससे न सिर्फ संचालन में सुविधा बढ़ी है, बल्कि लोको पायलटों के कार्य की परिस्थितियों में भी सुधार आया है।
39 इंजन इज्जतनगर मंडल में एसी युक्त
पूर्वोत्तर रेलवे के 176 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में एसी लगाए जा चुके हैं। इज्जतनगर मंडल में कुल 39 इलेक्ट्रिक इंजन एसी युक्त हैं। इसके अलावा 90 और इंजनों में एसी लगाए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें इज्जतनगर मंडल के 17 लोको शामिल हैं।
शौचालय की सुविधा भी शुरू
सभी नए लोकोमोटिव में शौचालय लगाए जा रहे हैं, जो पहले निर्माण योजना में शामिल नहीं थे। पुराने इंजनों में शौचालय लगाने के लिए रेट्रोफिटिंग की जा रही है और इसके लिए डिजाइन में भी बदलाव किए जा रहे हैं।
लोको पायलटों को ये मिलीं सुविधाएं
- इलेक्ट्रिक लोको में डीजल इंजनों की तरह शोर नहीं होता।
- कैब में जगह अधिक और विंडो साइज बड़ा होने से दृश्यता बेहतर।
- आरामदायक सीट से सफर आसान और सुरक्षित।
- सभी 18 रनिंग रूम में एसी की सुविधा उपलब्ध।
कर्मचारियों को स्टेशन पर मिलती है पूरी सुविधा
मालगाड़ियां और सबअर्बन ट्रेनें जिन स्टेशनों पर रुकती हैं, वहां पर्याप्त समय होने से चालक दल स्टेशन पर शौचालय और नाश्ते जैसी सुविधाओं का लाभ उठा पाते हैं। लोको पायलटों को स्टेशन स्टाफ से भी पूरा सहयोग मिलता है। वॉकी-टॉकी की सुविधा से पायलट सीधे स्टेशन कर्मचारियों से संपर्क में रहते हैं।
सेफ्टी में तकनीकी बढ़त
कोहरे और अन्य परिस्थितियों में सुरक्षा के लिए फॉग सेफ्टी डिवाइस, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम, कवच और बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे संरक्षा के साथ-साथ लोको पायलटों को भी सुविधा मिली है।