बरेली। उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामे से खाकी एक बार फिर दागदार हो गई है। शनिवार को हुई पुलिसकर्मी के बेटे अमन उर्फ बिट्टू हत्याकांड में नामजद आरोपी एवं एसओजी का मुखबिर राम गुज्जर पुलिस हिरासत से फरार हो गया। सोमवार रात में उसे पकड़ कर लाया गया, उसका मोबाइल जमा कराया गया। जिससे खलबली मच गई। पूरे घटनाक्रम के बाद एसओजी व थाना पुलिस आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। चार को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि बारादरी के नवादा शेखान निवासी हेड कांस्टेबल सुनील कुमार के बेटे अमन उर्फ बिट्टू की शनिवार रात किला क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। फिर टेंपो में उसका शव लाद कर इज्जतनगर के कर्मचारी नगर के नाले में फेंक दिया गया। नाले से उसका शव बरामद हुआ।
वहीं सोमवार को हुए पोस्टमार्टम में अमन की बेरहमी से पिटाई के बाद गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। अमन के पूरे शरीर के साथ सिर पर भी गुम चोट मिली। मां शोभा के शिकायती पत्र पर किला पुलिस ने कोछली भमोरा निवासी आरोपी राम गुज्जर, लक्ष्मीपुर इज्जतनगर निवासी पवन, किला मलूकपुर निवासी विपिन गुप्ता, जतिन, प्रियांशु शंकधार व अज्ञात के विरुद्ध आपराधिक षडयंत्र व हत्या की धारा में रिपोर्टदर्ज की। शोभा ने रिपोर्ट में बताया कि आरोपी राम गुज्जर ने बेटे को फोन कर कहा कि एसओजी ने लाइन में तलब किया है। उसी के फोन पर बेटा घर से निकला। इसके बाद वापस नहीं आया। एक फोन पर बेटे को विपिन गुप्ता द्वारा बंधक बनाए जाने की सूचना पर पहुंची। कोई सुराग ना मिलने पर डायल-112 पुलिस को जानकारी दी।
एसओजी के नाम पर बुलाया
किला इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। पोस्टमार्टम में हत्या की कहानी की पुष्टि के बाद मामले ने तूल पकड़ा। पता चला कि राम गुज्जर एसओजी का मुखबिर ही है। एसओजी के मुंह लगे होने के चलते ही उसने एसओजी के नाम पर अमन को बुलाया।
उसी के बाद पूरा घटनाक्रम हुआ। राम गुज्जर से कहानी शुरू होने के चलते सबसे पहले उसे पकड़कर थाने लाया गया। पूछताछ के चलते उसका मोबाइल जमा कराया गया, फिर वह फरार हो गया, जिस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
प्रकरण गंभीर है। पूरा मामला संज्ञान में आया है, जिस पर सीओ द्वितीय को जांच सौंप दी गई है। उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसी लापरवाही अक्षम्य है।- अनुराग आर्य, एसएसपी।