
- डीएम के निर्देश पर पुलिस और आपूर्ति विभाग की संयुक्त कार्रवाई
- अवैध रिफिलिंग करने वाले माफिया चढ़े कानून के हत्थे
- घरेलू गैस से हो रहा था जानलेवा धंधा, बरेली के हर कोने में फैला गैस माफिया नेटवर्क
भास्कर ब्यूरो
बरेली। घरेलू गैस सिलेंडरों की अवैध रिफिलिंग के गोरखधंधे ने जहां एक ओर जनता की जान से खिलवाड़ किया। वहीं दूसरी ओर माफिया गैस कंपनियों और सरकारी राजस्व को करोड़ों का चूना लगा रहे थे। लेकिन अब जिलाधिकारी के निर्देश पर इस खतरे को जड़ से उखाड़ने का अभियान शुरू हो चुका है। 24 अप्रैल को पुलिस और आपूर्ति विभाग की संयुक्त टीमों ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में एकसाथ छापेमारी कर गैस माफिया की चूलें हिला दीं।
इस संयुक्त कार्रवाई में बरेली के 7 थाना क्षेत्रों से कुल 88 घरेलू सिलेंडर, 16 से ज्यादा रिफिलिंग मशीनें, पंप, और एक वाहन जब्त किया गया। प्रशासन की इस मुहिम से साफ हो गया है कि अब गैस की कालाबाजारी और अवैध रिफिलिंग करने वालों के दिन लद चुके हैं।
थाना बारादरी के सिकलापुर निवासी विजय के ठिकाने पर छापा मारकर 7 सिलेंडर और एक रिफिलिंग मशीन जब्त की गई। थाना सीबीगंज ग्राम सरनिया के निजामुद्दीन के ठिकाने से 6 सिलेंडर और एक रिफिलिंग मशीन पकड़ी गई।थाना शीशगढ़ मो.आरिफ के गैस माफिया अड्डे से 26 सिलेंडर, 4 रिफिलिंग मशीनें और 4 पंप बरामद किए गए। ये क्षेत्र अवैध रिफिलिंग का बड़ा हब बन चुका था।थाना फतेहगंज पश्चिमी मोहल्ला तकिया शाही में रहने वाले मो.वकील और मो. तुकीर से 11 सिलेंडर और 1 रिफिलिंग मशीन बरामद की गई।
थाना बहेड़ी मीना बाजार निवासी साजिद और तालपुरा के तनवीर के पास से 30 घरेलू, 6 छोटे सिलेंडर और 3 रिफिलिंग मशीनें बरामद की गईं। यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है।
थाना हाफिजगंज ग्राम सिघाई कायस्थान के त्रिमल सिंह से 2 सिलेंडर और एक रिफिलिंग मशीन जब्त की गई।थाना नवाबगंज ग्राम गरगैया निवासी मो. आशिफ से 13 सिलेंडर, 1 रिफिलिंग मशीन, और एक मारुति ईको वैन (UP-13 AK-9834) बरामद की गई। गैस माफिया का बड़ा नेटवर्क बेनकाब
ये कोई इत्तेफाक नहीं कि जिले भर के इतने इलाकों में एक ही दिन में एक जैसा अपराध पकड़ा गया। यह दर्शाता है कि घरेलू गैस सिलेंडरों की अवैध रिफिलिंग का एक संगठित नेटवर्क जिले में सक्रिय है, जो न सिर्फ आग और धमाके जैसी घटनाओं का जोखिम बढ़ा रहा था, बल्कि आम जनता की सुरक्षा से खुलेआम खिलवाड़ कर रहा था।
सस्ते मुनाफे के लालच में घरेलू गैस सिलेंडर को अवैध तरीके से वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए रिफिल करना, कानूनन अपराध ही नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी से भी कोसों दूर की हरकत है।उपरोक्त सभी मामलों में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत संबंधित थानों में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। प्रशासन की ओर से साफ निर्देश हैं कि इस गोरखधंधे में लिप्त किसी भी आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही, संबंधित थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नेटवर्क की जड़ तक जाकर जांच की जाए और गैस माफिया की सप्लाई चेन को नेस्तनाबूद किया जाए।