बरेली: फायरिंग कांड के आरोपी संजय राणा ने भी किया सरेंडर, पहुंचा एसएसपी ऑफिस


बरेली में 22 जून को पीलीभीत बाईपास पर बेशकीमती प्लॉट पर कब्जे को लेकर दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इस मामले में 31 से अधिक आरोपी जेल जा चुके हैं। मगर, बुधवार को एक और आरोपी अचानक एसएसपी ऑफिस पहुंच गया। इससे पुलिसकर्मी भी हैरत में पड़ गए। उन्होंने तुरंत हिरासत में लिया। इसके बाद इज्जतनगर थाना पुलिस जेल भेजने की कोशिश में जुट गई है। फायरिंग कांड के मुख्य आरोपी राजीव राणा पहले ही सरेंडर कर चुका है।

मगर, बुधवार दोपहर एसएसपी ऑफिस उसका भाई संजय राणा पहुंच गया। वह काफी गोपनीय तरीके से एसएसपी ऑफिस पहुंचा था। उसने पहुंचते ही एसएसपी ऑफिस के गेट पर खड़े पुलिसकर्मी को अपना नाम बताया और बोला मैं सरेंडर करने आया हूं। इससे खलबली मच गई। पुलिस कर्मियों ने आरोपी को बैठा लिया। बताया जाता है कि आरोपी इज्जतनगर थाना पुलिस को सौंप दिया गया है। इज्जतनगर थाना पुलिस मामले में पूछताछ के बाद जेल भेजने की कोशिश में छूट गई है। मगर , राजीव राणा  और संजय राणा के सरेंडर के पीछे  के मामले में पीछे कौन सफेदपोश है। इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। 

एनकाउंटर का था डर

बरेली फायरिंग कांड में कई लोगों का पुलिस हाफ एनकाउंटर कर चुकी है। इसी दहशत में संजय राणा बुधवार को सरेंडर करने एसएसपी ऑफिस पहुंच गया। बताया जाता है की उसको भी एनकाउंटर की दहशत थी। इसलिए सरेंडर किया है। पुलिस ने 31 आरोपियों को भेजा जेल 22 जून को फायरिंग कांड में राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर फायरिंग हुई थी। इस मामले में अब तक पुलिस 31 आरोपियों को जेल भेज चुकी है।

शहर के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के पीलीभीत बाईपास के गोलीकांड के मुख्य आरोपी राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गिरोह को सूचीबद्ध करने का काम शुरू हो गया है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें, तो फरार चल रहे आरोपी चांद मियां पर एसएसपी जल्द इनाम घोषित कर सकते हैं। मुठभेड़ में पकड़े गए 25-25 हजार के इनामी धनुष और मोहम्मद हुसैन उर्फ गोला को सोमवार को जेल भेज दिया गया।

फायरिंग की दहशत में बंद हो गया था हाईवे                                                                        

इज्जतनगर थाना क्षेत्र में 22 जून की सुबह पीलीभीत बाईपास पर प्लॉट पर कब्जे को लेकर राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर फायरिंग हुई थी। जिसके चलते रोड बंद हो गया था। इस मामले में दोनों आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। केपी यादव और राजीव राना की कई संपत्तियां बीडीए के रडार पर हैं। इस मामले में अब तक 31 लोग जेल जा चुके हैं। संजय राणा और चांद मियां समेत अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

चंदौसी और रुद्रपुर से मंगाए गए थे। मुठभेड़ में पकड़े गए केपी यादव के गुर्गे धनुष और मोहम्मद हुसैन उर्फ गोला असलहों की तस्करी भी करते हैं। पुलिस के मुताबिक राजीव राणा से प्लॉट पर कब्जे का सौदा पक्का होने के बाद केपी यादव के कहने पर धनुष और गोला ने संभल जिले के चंदौसी और उत्तराखंड के रुद्रपुर से तमंचों की खेप मंगाई थी। 40 हजार में 10 तमंचों का सौदा हुआ था। शहर के ही तीन शातिरों ने कारतूस मुहैया कराए थे। घटना से एक दिन पहले ही राजीव के भाई संजय को तमंचे सौंप दिए गए थे। केपी ने उस समय धनुष और गोला को कुछ रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए थे। बाकी रुपये कब्जे के बाद देने थे। कब्जे के दौरान ऐसा बवाल हुआ कि केपी समेत बाकी आरोपी अंडरग्राउंड हो गए थे।

आरोपियों पर लगाई जाएगी गैंगस्टर केपी और उसके साथी सुभाष को भी मुठभेड़ में पकड़ा गया था। एसपी सिटी राहुल भाटी ने मीडिया को बताया कि राजीव राना और आदित्य उपाध्याय पर गैंगस्टर लगाने के साथ ही उनका गैंग चार्ट तैयार किया जाएगा। इससे संबंधित लिखापढ़ी की जा रही है। उनकी संपत्तियों का ब्योरा भी तैयार किया जा रहा है। अवैध कमाई से संपत्तियां बनाने की पुष्टि हुई तो प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर जब्तीकरण जैसी कार्रवाई की जाएगी।

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