
- डीएम से मांगी धरने की इजाजत
बरेली। दो दशक तक पसीना बहाया, वफादारी दिखाई, लेकिन जब हक की बात आई तो मिला धमकी भरा जवाब। किला क्षेत्र के स्वाले नगर स्थित एक एक्सपोर्ट फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर अब अपनी चुप्पी तोड़ चुके हैं। पिछले 20 वर्षों से फैक्ट्री की रीढ़ बनकर खड़े इन श्रमिकों ने अब वेतन वृद्धि और मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत जिलाधिकारी के सामने की है।
मजदूरों का आरोप है कि जब उन्होंने 8 मई को फैक्ट्री मालिक सुधीर आनंद से वेतन बढ़ाने की मांग की तो न केवल मांग ठुकरा दी गई, बल्कि नौकरी से निकालने तक की धमकी दे दी गई। इससे आहत मजदूरों ने अब प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित मजदूरों का कहना है कि फैक्ट्री से मिलने वाला वेतन ही उनके पूरे परिवार के पालन-पोषण का एकमात्र सहारा है। लेकिन बीते कई वर्षों से न वेतन बढ़ा और न ही काम के हालात बेहतर हुए। “हमने जीवन का बड़ा हिस्सा यहां खपा दिया, अब अगर आवाज उठाई तो निकालने की बात हो रही है,”—एक श्रमिक ने भावुक होते हुए कहा।
मजदूरों ने 8 मई को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अब मजदूरों ने फैक्ट्री के मुख्य द्वार पर शांतिपूर्ण धरना और अनशन शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए नगर मजिस्ट्रेट से विधिवत अनुमति भी मांगी गई है।
धरने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और मजदूरों ने साफ कह दिया है कि जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान कलेक्ट्रेट पहुंचे श्रमिकों में महेश कुमार, किशोर सिंह, टिंकू सिंह, प्रदीप सिंह, अंकुर और अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
मुख्य बिंदु :
- मजदूरों ने 20 साल से फैक्ट्री में लगातार किया काम
- वेतन और सुविधाओं को लेकर कोई बढ़ोतरी नहीं हुई
- मालिक ने नौकरी से निकालने की दी धमकी
- प्रशासन को दिया गया ज्ञापन, अब तक नहीं हुई कार्रवाई
- शांतिपूर्ण धरने की तैयारी, अनुमति की प्रक्रिया जारी
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