
- जिला सहकारी बैंक बरेली की शाखा में बड़ा वित्तीय घोटाला
- किसानों की सम्मान निधि हड़पी, 1.31 करोड़ का संगठित भ्रष्टाचार उजागर
- दो शाखा प्रबंधक और दो कैशियर निलंबित, मामला पुलिस के पास
- शाहजहांपुर के किसान की शिकायत पर फूटा घोटाले का पर्दाफाश
- उपमहाप्रबंधक के निरीक्षण में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा,
- फरीदपुर थाना पुलिस को सौंपा गया प्रार्थना पत्र, चार कर्मचारी जांच के घेरे में
Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में सहकारी बैंक की फरीदपुर सायंकालीन शाखा में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जिसने न सिर्फ बैंकिंग प्रणाली की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बल्कि सहकारी तंत्र में व्याप्त गहरे भ्रष्टाचार की कलई भी खोल दी है। करीब 1 करोड़ 31 लाख रुपये की गबन की इस संगठित साजिश में शाखा के दो प्रबंधक और दो कैशियर की संलिप्तता उजागर हुई है, जिन्होंने किसानों की सम्मान निधि जैसी योजना को भी लूट का जरिया बना डाला।
करीब एक माह पूर्व शाहजहाँपुर जनपद के एक किसान ने यह जानकारी दी कि उसे मिलने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की धनराशि गलती से बरेली की फरीदपुर सायंकालीन शाखा में जमा हो गई है। इस सूचना के बाद जिला सहकारी बैंक बरेली के उप महाप्रबंधक ने 16 मई को शाखा का औचक निरीक्षण किया, और वहीं से शुरू हुआ घोटाले की परत-दर-परत खुलासा।निरीक्षण के दौरान 21 ऐसे संदिग्ध खातों का पता चला जिनमें लेन-देन की गतिविधियां संदेहास्पद थीं। इन्हीं खातों के माध्यम से फर्जी तरीके से धनराशि ट्रांसफर की गई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक ने 23 मई को विस्तृत जांच के आदेश दिए।संगठित साजिश,चार अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ करोड़ों का गबन जांच में सामने आया कि फरीदपुर शाखा के चार प्रमुख अधिकारी —चंद्र प्रकाश (लिपिक/कैशियर), दीपक पांडेय (लिपिक/कैशियर), मुकेश कुमार गंगवार (शाखा प्रबंधक), और गौरव वर्मा (शाखा प्रबंधक)ने आपसी मिलीभगत से न केवल बैंकिंग प्रणाली के साथ छल किया बल्कि जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए अमानत में खयानत और धोखाधड़ी की। इन चारों अधिकारियों ने मिलकर ₹1,31,06,069.67 (एक करोड़ इकतीस लाख छह हजार उनहत्तर रुपये सैंसठ पैसे) का गबन किया।प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन अधिकारियों ने फर्जी खातों का संचालन कर धनराशि को इधर-उधर घुमाया।
संभवतः सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के नाम पर कूटरचित दस्तावेज़ तैयार किए गए और धनराशि को निकालकर निजी उपयोग में लाया गया। यह सारा खेल लंबे समय से योजनाबद्ध तरीके से चलता रहा, जिसे बैंक की कमजोर निगरानी व्यवस्था और भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ ने पंख लगा दिए।जांच पूरी होने के बाद जिला सहकारी बैंक लि०, बरेली द्वारा थाना फरीदपुर में तहरीर देकर संबंधित चारों आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और कठोर विधिक कार्रवाई की मांग की गई है। बैंक प्रशासन ने साफ कहा है कि यह घोटाला केवल एक वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि सहकारी बैंकिंग सिस्टम पर सीधा हमला है।
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