
- एक पक्ष ने लगाया मारपीट और बंधक बनाने का आरोप
- तो दूसरा पक्ष बोला – “ब्लैकमेलिंग के लिए दर्ज कराया गया फर्जी मुकदमा”
बरेली। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी जानी-मानी शख्सियत और एक ठेकेदार के बीच विवाद ने अब कानूनी रूप ले लिया है।कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन मियां समेत कांग्रेस के एक नेता सहित कुल छह लोगों पर मारपीट, गाली-गलौज और ठेकेदार को गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर रखने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
हालांकि, मामले के दूसरे पक्ष यानी सलमान हसन मियां और उनके समर्थकों ने इस एफआईआर को ब्लैकमेलिंग और निजी रंजिश का परिणाम बताते हुए इसे सिरे से खारिज किया है। अब पूरा मामला धर्म, राजनीति और ठेकेदारी के गठजोड़ में उलझता जा रहा है।बारादरी क्षेत्र के फाइक इन्क्लेव निवासी जावेद अली खान, जो पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेकेदार ने कोतवाली थाने में दी गई तहरीर में गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनके अनुसार,”17 अप्रैल को बख्तियार नामक व्यक्ति ने फोन कर उन्हें दरगाह आला हजरत स्थित गेस्ट हाउस बुलाया और कहा कि सलमान मियां आपसे जरूरी बात करना चाहते हैं।”जावेद खान अपने सरकारी गनर माहिर अली खान के साथ वहां पहुंचे, लेकिन गनर को नीचे रोक दिया गया और उन्हें ऊपर एक कमरे में ले जाया गया। कमरे में सलमान मियां, इस्लामिया कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. मेहदी हसन और इकरार उर्फ दन्नी पहले से मौजूद थे।
जावेद का आरोप है,”कमरे में घुसते ही सलमान मियां ने गालियां देनी शुरू कर दीं और इकरार के खिलाफ शिकायत करने पर नाराजगी जताते हुए तीनों ने मुझ पर हमला कर दिया। फिर मुझे लगभग पांच घंटे तक कमरे में बंद कर मारपीट की गई।”
घटना के अगले दिन वह किसी तरह वहां से निकले और घर पहुंचकर पत्नी को आपबीती बताई। इसके बाद वह कोतवाली पहुंचे और तहरीर दी। पुलिस ने उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
- सलमान हसन मियां – जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
- डॉ. मेहदी हसन – इस्लामिया कॉलेज के प्रवक्ता
- इकरार उर्फ दन्नी
- बख्तियार कमरान
- एक अज्ञात व्यक्ति
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मारपीट, अपहरण, धमकी और बंधक बनाने के गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं।दूसरा पक्ष: “यह रंजिश है, रिकॉर्डिंग वायरल होने से घबराया जावेद”मामले में सलमान मियां की ओर से पूरी तरह से अलग कहानी सामने रखी गई है। उनका कहना है कि, यह मुकदमा पूरी तरह फर्जी और ब्लैकमेलिंग की साजिश का हिस्सा है। जावेद की निजी जिंदगी में पहले से विवाद चल रहा है – उसकी दो पत्नियां हैं, जिनके बीच कानूनी लड़ाई भी लंबी चल रही है। वह पहले से ही धार्मिक संगठनों के प्रति रंजिश रखता है।”
“जावेद खान का व्यवहार बहुत दिनों से संदिग्ध रहा है। उसके द्वारा की गई रिकॉर्डिंग में वह खुद गंदी-गंदी गालियां देता हुआ और जान से मारने की धमकियां देता सुना जा सकता है। यही नहीं, खानदान-ए-आला हजरत के बुजुर्गों को भी अपशब्द कहता है।”
सलमान मियां का दावा है कि जब यह रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी और उसकी सच्चाई सामने आने लगी तो वह डर गया और अपनी छवि बचाने के लिए पुलिस को गुमराह कर फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी।
इंस्पेक्टर कोतवाली अमित पांडे ने बताया
कोतवाली पुलिस ने की है कि जावेद अली खान की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद कार्रवाई की दिशा तय की जाएगी।