बरेली: बीएसपी चुनावी रण से आउट, सरकारी तंत्र पर सत्ता के दबाव का आरोप

बरेली। बरेली और आंवला लोकसभा सीट से प्रत्याशियों का पर्चा निरस्त होने से बहुजन समाज पार्टी के सामने राजनैतिक संकट पैदा हो गया है। बरेली लोकसभा और आंवला लोकसभा सीट के बसपा अधिकृत प्रत्याशी मास्टर छोटेलाल गंगवार और सय्यद आबिद अली को नामांकन पत्र खारिज हो गया है। नामांकन पत्र निरस्त होने से बसपा चुनाव मैदान से बाहर हो गई हैं और इसको लेकर बसपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। खास बात यह है कि बरेली लोकसभा सीट के प्रत्याशी छोटे लाल गंगवार ने दो सेट में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था लेकिन स्थानीय प्रशासन ने नामांकन पत्र के जांच के दौरान उनके दोनों सेटों में तकनीकी खामियों के चलते नामांकन पत्र निरस्त कर दिए हैं।

वहीं आंवला लोकसभा सीट पर पार्टी ने सय्यद आबिद अली को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था और आबिद अली को पार्टी का सिंबल लेटर भी जारी किया गया। लेकिन नामांकन के अंतिम दिन कूटरचित दस्तावेज के आधार पर सतवीर सिंह ने बसपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस मामले को लेकर पार्टी मंडल ऑर्डिनेटर ब्रह्म स्वरूप सागर ने पुलिस को लिखित शिकायत की है दोनों प्रत्याशियों के नामांकन खारिज होने पर पार्टी के मंडल कोऑर्डिनेटर ब्रह्म स्वरूप सागर और पार्टी के जिलाध्यक्ष राजीव सिंह का आरोप है कि भाजपा सरकार के दवाब के चलते बरेली लोकसभा सीट के प्रत्याशी छोटे लाल गंगवार और आंवला सीट के प्रत्याशी सय्यद आबिद अली का तकनीक आधार को लेकर नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए हैं।

पर्चा निरस्त होने बाद बीएसपी ने भाजपा और सपा पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है, बरेली से बीएसपी प्रत्याशी ने कहा कि सरकारी मशीनरी सत्ता के दबाव में काम कर रही है कागजातों को बदलने का आरोप भी लगाया है। वहीं आंवला से बसपा के अधिकृत प्रत्याशी सैयद आबिद अली ने सपा प्रत्याशी नीरज मोर्य पर गंभीर आरोप लगाए, सतवीर का बीएसपी से पर्चा भरना उनको चुनावी रण से बाहर करने की सोची समझी साजिश और षड्यंत्र है। पार्टी हाई कमान के निर्देश के बाद मामले को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएंगे…

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