
बहेड़ी, बरेली। शादी का घर खुशियों से सराबोर था, फूलों से सजे मंडप में घंटों बाद वरमाला की रस्म होनी थी। लेकिन किसे पता था कि यह शुभ अवसर एक दिल दहला देने वाले मातम में तब्दील हो जाएगा। बहेड़ी कस्बे में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक मासूम दुल्हन की जान छीन ली। यह हादसा न सिर्फ स्वजनों के लिए त्रासदी बन गया, बल्कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य तंत्र की नाकामी की कहानी भी उजागर कर गया।
- शादी के दिन वरमाला से पहले अचानक आई कमजोरी, झोलाछाप की ड्रिप बनी मौत का कारण, मेडिकल कॉलेज पहुंचते ही डॉक्टरों ने घोषित किया मृत
- झोलाछाप ने दबाया सच, परिजन बोले – “हमारी जिंदा बेटी को मार डाला”, हंगामे के बाद भी पुलिस की सुस्ती, कार्रवाई की मांग पर खामोशी
बुधवार को तहसील क्षेत्र के गांव भोजपुर देवीपुरा निवासी थान सिंह की बेटी शांति की बारात आनी थी। दोपहर के करीब 3 बजे जब शांति वरमाला की तैयारी कर रही थी, तभी उसने अचानक चक्कर आने और कमजोरी महसूस होने की बात बताई। घरवाले तुरंत उसे पास के ही मोहल्ला शेखुपुर स्थित एक कथित डॉक्टर के क्लीनिक पर लेकर पहुंचे – जो कि वर्षों से झोलाछाप तरीकों से इलाज कर रहा है।
दुल्हन की स्थिति देखकर झोलाछाप ने तसल्ली दी, “कोई चिंता की बात नहीं, बस कमजोरी है।” फिर क्या था – बिना किसी परीक्षण, बिना किसी डायग्नोसिस के उसने एक ड्रिप चढ़ा दी, जिसमें अपनी मर्जी से कई तरह की दवाएं मिला दीं। जैसे-जैसे दवा शरीर में जाती रही, शांति की हालत बिगड़ती गई। उसका शरीर सुन्न होता चला गया, सांसें धीमी पड़ती गईं, पर डॉक्टर लगातार यही कहता रहा, “सब ठीक है, घबराओ मत।”
जब शांति लगभग बेहोश हो गई और शरीर में कोई हरकत नहीं बची, तब जाकर डॉक्टर ने कहा “अब इसे मेडिकल कॉलेज ले जाओ।” घरवालों ने पूछा – “इसकी हालत ऐसी क्यों हो गई? आपने क्या कर दिया?” लेकिन डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया, उल्टा उन्हें जबरन भोजीपुरा के मेडिकल कॉलेज भेज दिया।जैसे ही शांति को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। उस वक्त हर कोई हैरान रह गया। जिस बेटी की विदाई होनी थी, अब उसकी अर्थी की तैयारी हो रही थी।मौत की खबर के बाद परिजन और स्थानीय लोग झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर जुटे और प्रदर्शन शुरू कर दिया। “इसने हमारी जिंदा बेटी को मार दिया,” कहते हुए परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थिति बिगड़ते देख झोलाछाप मौके से फरार हो गया।
सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी विजय पाल सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत किया और परिजनों को थाने ले गए। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने कोई तहरीर दर्ज नहीं की थी। थाने के बाहर भारी भीड़ जमा रही, लोग इंसाफ की मांग करते रहे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ इतना कहा – “डेड बॉडी आने के बाद ही कार्रवाई करेंगे।”
यह भी पढ़े : जम्मू-कश्मीर : नादेर-त्राल में आतंकिवादियों से सुरक्षाबलों की मुठभेड़ शुरू