
बरेली/बहेड़ी। भारतीय जनता पार्टी की संगठनात्मक एकता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। ताजा मामला बहेड़ी विधानसभा से सामने आया है, जहां पार्टी के दो कद्दावर नेताओं पूर्व ब्लॉक प्रमुख चौधरी आराम सिंह और सांसद छात्रपाल गंगवार के भतीजे दुष्यंत गंगवार के बीच ज़बरदस्त टकराव देखने को मिला। आरोपों की गंभीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चौधरी आराम सिंह ने दुष्यंत गंगवार को भू-माफिया करार दे दिया और आरोप लगाया कि वे भाजपा सांसद छात्रपाल गंगवार के संरक्षण में ज़मीनों पर अवैध कब्जा कर रहे हैं।इस बयान का वीडियो वायरल होते ही बहेड़ी की सियासत में भूचाल आ गया है।
भाजपा के भीतर यह गुटबाज़ी अब सरेआम हो गई है और एक बार फिर पार्टी की आंतरिक विसंगतियां जनता के सामने हैं।सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए एक वीडियो में चौधरी आराम सिंह कहते दिखे कि “दुष्यंत गंगवार भू-माफिया है। वह दमखोदा ब्लॉक प्रमुख की आड़ में अवैध कब्जों का साम्राज्य चला रहा है और इसमें उसके संरक्षक खुद सांसद छात्रपाल गंगवार हैं।”यह बयान केवल एक नेता की व्यक्तिगत नाराजगी नहीं बल्कि भाजपा के अंदर जारी सत्ता संघर्ष की ताजा मिसाल है। बहेड़ी में भाजपा के दो गुटों के बीच यह विवाद लंबे समय से सुलग रहा था, लेकिन अब यह खुलकर सामने आ गया है।
अब तक इस पूरे घटनाक्रम पर दुष्यंत गंगवार की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उनकी चुप्पी से राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भाजपा के अनुशासनात्मक ढांचे पर भी सवाल उठने लगे हैं-क्या पार्टी इस गंभीर आरोप को यूं ही नजरअंदाज कर देगी या अनुशासन की दुहाई देने वाली भाजपा अपने ही नेता के आरोपों की जांच कराएगी?
बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र पहले से ही राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता रहा है। यहां पर आंतरिक कलह किसी भी चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। यह मामला न केवल स्थानीय संगठन के लिए चुनौती है, बल्कि पार्टी के उच्च नेतृत्व के लिए भी सिरदर्द बनता जा रहा है। अगर समय रहते इस टकराव पर अंकुश नहीं लगाया गया तो बहेड़ी विधानसभा सीट भाजपा के हाथ से फिसल भी सकती है।
खास बात यह है कि दमखोदा ब्लॉक प्रमुख खुद दुष्यंत की पत्नी हैं, यानी एक पूरा सत्ता तंत्र एक परिवार में केंद्रित होता जा रहा है-जो पार्टी के बहुप्रचारित ‘संगठन सर्वोपरि’ सिद्धांत को ठेंगा दिखाता है।सबसे बड़ी बात यह है कि चौधरी आराम सिंह ने सीधे-सीधे बरेली के सांसद छात्रपाल गंगवार को इस अवैध कब्जा गिरोह का संरक्षक बताया है। अगर यह आरोप राजनीतिक दुश्मनी की उपज नहीं हैं, तो फिर यह भाजपा के लिए गहन आत्ममंथन का विषय है।
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