बरेली : बिजली विभाग में ईमानदारी पर हमला, फूटा जनाक्रोश, लखनऊ तक बजा बगावत का बिगुल

  • भ्रष्टाचारियों के संरक्षण में ईमानदार इंजीनियर को फंसाने की साजिश
  • ईमानदारी कुचलने का षड्यंत्र उजागर, संगठन ने छेड़ी आर-पार की लड़ाई
  • ईमानदारों पर कहर, भ्रष्ट अफसर मजे में
  • निर्दोष को बलि चढ़ाने की शर्मनाक पटकथा

बरेली। बिजली विभाग के भीतर एक बार फिर ईमानदारी को सजा और भ्रष्टाचार को इनाम देने का काला खेल बेनकाब हो गया है। उपखंड अधिकारी बिल्सी इं.शोएब अंसारी का नियमों को रौंदकर किया गया निलंबन और संगठन के पदाधिकारियों का जबरन तबादला इस बात का सबूत है कि विभाग में न्याय, नैतिकता और कानून की अब कोई जगह नहीं बची है। सोमवार को मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के बैनर तले हुए प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि अब चुप्पी नहीं रहेगी, अब आर-पार की लड़ाई होगी।

इं.शोएब अंसारी का “अपराध” सिर्फ इतना था कि उन्होंने मध्यम क्षमता के ट्रांसफॉर्मरों में हो रही तकनीकी गड़बड़ियों को समय रहते उच्चाधिकारियों के सामने रखा। उन्होंने मरम्मत और रखरखाव के लिए तमाम पत्राचार किए, फ्यूज सैट और एलटी टेल्लेस यूनिट्स की मांग की, ग्रीष्मकालीन संकट से बचाव के लिए चेतावनियां दीं मगर अफसरशाही ने उनकी एक न सुनी।

नतीजा वही हुआ जिसका डर था। ट्रांसफॉर्मर फुंके, सिस्टम ध्वस्त हुआ और जिम्मेदारी तय करने के नाम पर वही पुराना फॉर्मूला चला ईमानदार को फंसाओ, भ्रष्टों को बचाओ! क्या विभाग ने उन अधिशासी अभियंताओं से जवाब मांगा जिन्होंने फील्ड में समय रहते काम नहीं कराया? नहीं! अधीक्षण अभियंता जैसे अधिकारियों पर गाज गिरी जिन्होंने पत्रों और अनुस्मारकों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया? बिल्कुल नहीं! इसके उलट एक मेहनती और ईमानदार उपखंड अधिकारी को लापरवाही का दोषी बनाकर सस्पेंड कर दिया गया, ताकि भ्रष्टाचार का असली चेहरा पर्दे के पीछे छुपा रहे।

वही जूनियर इंजीनियरों का आरोप है कि इतना ही नहीं, इं.धर्मात्मा कुमार, इं. रवि कुमार और इं. रणवीर सिंह जैसे संगठन के जुझारू पदाधिकारियों का भी नियमों को रौंदते हुए रातोंरात तबादला कर दिया गया। साफ संदेश दिया गया “जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगा, उसे कुचला जाएगा।” लेकिन इस बार विभाग शायद भूल गया कि हर अन्याय एक क्रांति को जन्म देता है!

बिल्सी उपखंड अधिकारी के कार्यालय से भेजे गए पत्रों की फेहरिस्त गवाह है कि इं.शोएब अंसारी ने अपना कर्तव्य निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। 5 फरवरी मध्यम क्षमता ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत के लिए अधिशासी अभियंता को पत्र 17 अगस्त को पिछले साल फ्यूज सैट व एलटी टेल्लेस यूनिट्स की मांग,30 नवंबर पिछले साल और 18 फरवरी लगातार अनुस्मारक भेजे गए 5 अप्रैल गर्मियों में संकट से बचाव के लिए अनुरक्षण कार्य पर चेतावनी।

उच्चाधिकारियों की उदासीनता और कर्तव्यहीनता का आइना है। लेकिन विभाग ने इस सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए ईमानदार अधिकारी को सूली पर चढ़ा दिया। प्रदर्शन के दौरान संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हुंकार भरी “अब चुप्पी नहीं रहेगी। निलंबन निरस्त करो, जबरन तबादले वापस लो, वरना बरेली से उठी चिंगारी लखनऊ को भी जला देगी।”इं. धर्मात्मा कुमार, इं. रवि कुमार, इं. धमेन्द्र यादव, इं. संजीव प्रभाकर, इं. अमित कुमार सक्सेना, इं. निखिल जायसवाल, इं. राजेन्द्र प्रसाद, इं. साजन कुमार, इं. वीरू सिंह, इं. सुनील कुमार सिंह समेत तमाम इंजीनियरों ने एक सुर में चेताया कि अगर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो बड़े स्तर पर हड़ताल से लेकर सीएम ऑफिस घेराव तक की रणनीति तैयार है।

इस बार बात केवल एक अधिकारी के निलंबन की नहीं है। यह लड़ाई है पूरे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और मनमानी के खिलाफ। यह सवाल है ईमानदारी और अधिकारों की रक्षा का। यह आंदोलन बरेली तक सीमित नहीं रहेगा। जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों से भी समर्थन जुटाया जाएगा और जरूरत पड़ी तो विधानसभा तक मार्च किया जाएगा।

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