बरेली। उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में गुजरात की तर्ज पर सदन को चलाने का मसौदा तैयार किया जा रहा है। गुजरात की नगर निकायों में 74वां संविधान संशोधन के तहत सदन चलती हैं। बरेली के मेयर डा. उमेश गौतम उप्र महापौर परिषद के अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब प्रदेश मेयर काउंसिल की बैठक में 74वें संशोधन की सिफारिशों को हू-ब-हू लागू करवाने का प्रस्ताव की तैयारी हो रही है। मेयर ने कहा कि गुजरात की तरह प्रदेश के सभी नगर निगमों में 74वां संशोधन लागू करने की मांग की जा रही है।
मेयर काउंसिल के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि वह संविधान के 74वें संशोधन को प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए पैरवी करेंगे। मेयर के अधिकार बढ़ने के बाद शहरों का विकास तेजी से हो सकेगा। प्रदेश के सभी मेयर के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। सभी नगर निगमों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से एक मंच पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि मेयर काउंसिल की पहली बैठक जल्द की जाएगी। प्रदेश के सभी मेयरों को बैठक में बुलाया जाएगा।
जरूरी हो गया 74वों संशोधन
मेयर ने कहा कि 74वें संशोधन को शहरी विकास के लिए जरूरी माना। देखा गया है कि अभी एक ही शहर के विकास के लिए अलग-अलग विभाग योजनाएं बनाते हैं। समन्वय न होने से एक विभाग की बनवाई सड़क कुछ ही समय में दूसरा विभाग खोदवा देता है। इससे पैसा बर्बाद होता है, शहर का विकास बाधित होता है और जनता परेशान होती है। ऐसे में जरूरी है कि शहरी विकास से जुड़े सभी विभागों की प्लानिंग एक ही जगह पर हो।
यह फायदा होगा
संशोधन लागू होने पर शहरी सुविधाओं से जुड़े प्रमुख विभाग नगर निगम के अधीन होंगे। बरेली विकास प्राधिकरण, शहरी यातायात, स्वास्थ्य सेवाएं और क्षेत्रीय वानिकी आदि विभाग नगर निगम के ही अधीन आएंगे। शहरी विकास का सारा खाका नगर निगम तैयार करेगा। मेयरों और पार्षदों के भी अधिकार बढ़ेंगे।