बरेली: पुलिस मुठभेड़ में पकड़ा गया शातिर वाहन चोर गिरोह, एसपी सिटी ने किया खुलासा

बरेली। एसपी सिटी मानुष पारीक की नेतृत्व क्षमता और तेजतर्रार कार्यशैली एक बार फिर से सुर्खियों में है। उनकी अगुवाई में पुलिस ने शहर के थाना कोतवाली क्षेत्र में एक शातिर वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग के तीन अपराधियों को पकड़ा गया। जिनमें से एक मुठभेड़ में घायल हुआ। बीती 5 से 6 अप्रैल की रात को पुलिस के लिए किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं थी।

एसपी सिटी की सूझबूझ और रणनीति के तहत एसओजी और कोतवाली पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया। मुखबिर से सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम इस्लामिया ग्राउंड के एक खंडहरनुमा बिल्डिंग में पहुंची। जहां बदमाश चोरी की मोटरसाइकिलों को छुपाकर उनकी नंबर प्लेट और अन्य जानकारी बदलने का काम कर रहे थे। जैसे ही पुलिस ने घेराबंदी की बदमाशों ने पुलिस पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी।

जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश तस्लीम उर्फ मुन्ना पुलिस की गोली से घायल हो गया। बाकी दो अपराधी इमरान और तौकीब को मौके से दबोच लिया।इस पूरी कार्रवाई में पुलिस ने पूरी सावधानी बरती और बिना किसी नागरिक को नुकसान पहुँचाए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 10 चोरी की मोटर साइकिलें, एक तमंचा, कारतूस, वाहन के स्पेयर पार्ट्स, चेचिस-इंजन नंबर बदलने के उपकरण और मोबाइल बरामद किए गए। तस्लीम उर्फ मुन्ना इस गैंग का मुख्य सदस्य है। इसकी उम्र 22 वर्ष है, लेकिन उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, चोरी, धोखाधड़ी और गैंग अपराधों सहित 10 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं।

वह बरेली के विभिन्न थाना क्षेत्रों में सक्रिय था और पुलिस को हमेशा चकमा दे देता था। इमरान और तौकीब भी अपराधी हैं, जिन पर बलात्कार और हत्या के प्रयास जैसे जघन्य आरोप हैं। यह गैंग चोरी की मोटरसाइकिलों को इस्लामिया ग्राउंड में छुपाकर उनके नंबर बदलता था और फिर इन वाहनों को सस्ते दामों में बेच देता था। आम लोगों को सस्ते वाहन का लालच देकर ये फर्जीवाड़े में उन्हें फंसा देते थे।एसपी सिटी के मुताबिक टीम ने स्थानीय इंटेलिजेंस, तकनीकी सर्विलांस और मुखबिर नेटवर्क का बेहतरीन उपयोग किया। जिसके कारण यह सफलता संभव हो पाई।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीनों अपराधियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं इनपर पहले से ही आर्म्स एक्ट के तहत भी मामले चल रहे हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि यह गैंग और कहां-कहां सक्रिय था। आने वाले दिनों में इस ऑपरेशन से जुड़े अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। इस दौरान सीओ फर्स्ट पंकज श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर अमित पांडे शामिल रहे।

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