
- ड्रग माफियाओं को सीधी चेतावनी,अब कोई रियायत नहीं
बरेली। अपराध की दुनिया में नशा एक ऐसा ज़हर है, जो न केवल युवाओं के भविष्य को तबाह करता है, बल्कि समाज की जड़ों को भी खोखला करता है। लेकिन जब नेतृत्व ईमानदार हो और इरादे बुलंद, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। ऐसा ही एक ऐतिहासिक कदम उठाया पुलिस महानिरीक्षक बरेली परिक्षेत्र डॉ. राकेश सिंह ने, जब उनकी अध्यक्षता में 20 किलोग्राम स्मैक जिसकी कीमत करीब 40 करोड़ रुपये आंकी गई इस का डिस्पोजल किया गया।
मंगलवार को फतेहगंज पूर्वी थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 253/21, एनडीपीएस एक्ट की धाराओं 8/21/29/30/22सी/25/27ए के तहत जब्त की गई यह स्मैक बरसों से न्यायालय की अनुमति की प्रतीक्षा में थी। लेकिन डॉ. राकेश सिंह के नेतृत्व और संकल्प से इस मामले में तेज़ी लाई गई और माननीय न्यायालय से विधिक अनुमति प्राप्त कर इसे सार्वजनिक रूप से नष्ट किया गया। यह कार्रवाई केवल कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ एक कड़ा संदेश था,अब कोई तस्कर, कोई गिरोह, कानून से नहीं बच सकेगा। 20 किलो हेरोइन, यानी करीब 8 लाख डोज़,हर डोज़ किसी युवा की ज़िंदगी छीन सकती थी। जनपद में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स का विधिसम्मत विनिष्टीकरण, वह भी आईजी स्तर की निगरानी में।
इस ऑपरेशन में किसी भी तरह की कोताही या गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं थी। इसलिए आईजी डॉ. राकेश सिंह ने स्वयं अध्यक्ष के रूप में उच्च स्तरीय ड्रग डिस्पोजल कमेटी का नेतृत्व किया। समिति में उनके साथ एसपी उत्तरी श्री मुकेश चंद्र मिश्र, एसपी ट्रैफिक मुहम्मद अकमल खान, एनसीबी लखनऊ की टीम एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा गया। हर पैकेट को बाकायदा गिना गया, रिकॉर्ड किया गया और डिस्पोजल प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई।
आईजी डॉ. राकेश सिंह ने इस मौके पर स्पष्ट रूप से कहा,”हमारा लक्ष्य सिर्फ एक केस का निपटारा नहीं, बल्कि पूरे समाज को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालना है। ड्रग्स के सौदागर यह समझ लें कि अब प्रशासन की नज़रें हर कोने में हैं। इस कार्रवाई ने साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ ज़ब्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि अब ड्रग्स को जड़ से उखाड़ने की कार्यवाही ज़मीन पर उतर चुकी है।