बरेली : चार जिलों में कांवड़ यात्रा के लिए 6 हजार जवान तैनात, सीसीटीवी व ड्रोन से होगी निगरानी

बरेली। सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने को लेकर बरेली परिक्षेत्र में इस बार बेहद व्यापक और सख्त इंतज़ाम किए गए हैं। आज बरेली परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अजय कुमार साहनी ने क्षेत्रीय कार्यालय बरेली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी कि कांवड़ यात्रा के लिए चारों जनपदों बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी गई हैं।

डीआईजी साहनी ने बताया कि पूरे परिक्षेत्र को 08 सुपर जोन, 26 जोन, 78 सेक्टर और 218 सबसेक्टरों में बांटा गया है। इसका उद्देश्य किसी भी संभावित अव्यवस्था या आपात स्थिति पर तेजी से काबू पाना है। कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाए रखने के लिए पुलिस बल की एक बड़ी फौज तैनात की गई है। आंकड़ों के अनुसार पुलिस अधीक्षक –10, क्षेत्राधिकारी –28, प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष – 83, निरीक्षक – 110,उप निरीक्षक – 855,मुख्य आरक्षी – 767,आरक्षी – 2357,महिला पुलिस – 879, होमगार्ड – 911, इसके अतिरिक्त डीजी मुख्यालय से 4 कंपनियां, पीएसी की 7 कंपनियां (23 प्लाटून), और आरएएफ की 1 कंपनी को परिक्षेत्र में डिप्लॉय किया गया है।रूट डायवर्जन: ट्रैफिक रहेगा नियंत्रित प्रेस वार्ता में बताया गया कि भारी वाहनों का संचालन यात्रा के दौरान प्रतिबंधित रहेगा। विशेषकर बरेली से बदायूं मार्ग पर तीन दिन तक भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। वैकल्पिक मार्ग भी तय कर दिए गए हैं, जैसे बरेली से दिल्ली जाने वाले वाहन बरेली बाईपास से गुजरेंगे।बदायूं की ओर जाने वाले बड़े वाहन हरदोई मार्ग से।

रोडवेज बसों को बुखारा मोड़, आंवला, सहसवान जैसे वैकल्पिक रास्तों से भेजा जाएगा।
कांवड़ शिविर और यात्रियों की पहचान प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि सभी कांवड़ शिविरों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। इसके साथ ही हर कांवड़िए के पास पहचान पत्र अनिवार्य होगा। महिला कांवड़ियों के लिए अलग से विशेष व्यवस्था की गई है। कांवड़ की अधिकतम ऊँचाई 12 फीट निर्धारित की गई है। गंगा घाटों और शिवमंदिरों की विशेष व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, गंगा घाटों पर फ्लड पीएसी, नाव और गोताखोर तैनात रहेंगे। शिव मंदिरों में सीसीटीवी और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था की गई है। अतिरिक्त दिशा-निर्देश और सुविधाएं यात्रा मार्ग पर मांस की दुकानें पूर्णतः बंद रहेंगी।आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को पास जारी किए जाएंगे।
दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु विशेष यातायात व्यवस्था लागू की गई है।

होटल-रेस्टोरेंटों को निर्देशित किया गया है कि रेट लिस्ट चस्पा करें और क्यूआर कोड लगाएं।पूरे मार्ग की ड्रोन से निगरानी होगी।उत्तराखंड राज्य के अधिकारियों से समन्वय बैठक भी की गई है। यात्रा मार्ग में पड़ने वाले गांव व कस्बों के प्रमुखों से बैठकें कर स्थानीय सहयोग सुनिश्चित किया गया है।प्रत्येक कांवड़ संघ के साथ एक नोडल उप निरीक्षक को जोड़ा गया है जो उनकी हर जरूरत व शिकायत को देखेगा।डीआईजी साहनी ने साफ कहा कि श्रावण मास सिर्फ श्रद्धा का नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द का पर्व भी है। इसलिए यह प्रशासन की प्राथमिकता है कि किसी प्रकार की अफवाह या धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए। सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए आईटी सेल सक्रिय है।

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