
सिद्धौर बाराबंकी : एक तरफ जहां राज्य सरकार समस्त ग्राम पंचायतों और नगर पंचायतों को स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए सफाई कर्मचारियों की तैनाती कर रही है। वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण ग्राम पंचायतों में स्वच्छता को लेकर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। 1000 आबादी से लेकर 8000 आबादी तक, एक समान सफाई कर्मचारियों की तैनाती के बाद भी ग्राम पंचायतों और विद्यालयों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। अध्यापक और रसोइया विद्यालय की स्वच्छता बनाए रखने में पहले कार्य करते हुए देखे जा रहे हैं।
राज्य सरकार स्वच्छता को लेकर समस्त ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती कर गंदगी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने का कार्य कर रही है, लेकिन सिद्धौर ब्लॉक की विभिन्न ग्राम पंचायतों, विशेषकर प्राथमिक विद्यालय सैदपुर पुराई ब्लॉक और शिक्षा क्षेत्र सिद्धौर में इस की वास्तविक स्थिति कुछ और ही है। विद्यालय में दाखिल होते ही गंदगी का आलम देखा गया।
प्रधानाध्यापिका आकृति साहू, शिक्षामित्र संदीप सिंह और रसोइया फूल कली, विद्यालय पहुंचते ही कक्षाओं से लेकर ऑफिस और परिसर की सफाई करते हुए दिखाई देते हैं। अध्यापकों का कहना है कि विद्यालय में लगभग 3 वर्षों से कोई सफाई कर्मचारी तैनात नहीं है। समय से पहले स्टाफ की उपस्थिति के बाद विद्यालय की स्वच्छता की जाती है, और उसके बाद छात्रों को शिक्षा दी जाती है। विद्यालय शिक्षा और जागरूकता का पहला माध्यम है, जहां सभी धर्मों के छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करना हम सभी का कर्तव्य है।
इस संबंध में प्रधान प्रतिनिधि कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत पडरावां में लगभग 8000 आबादी और 4700 वोटर हैं, और सर्वे के बाद वोटरों की संख्या बढ़ भी सकती है। जहां दो सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है, वहीं कई बार सक्षम अधिकारियों को लिखित शिकायती पत्र देकर पडरावां, पूरे जमादार और सैदपुर पोरई में सफाई कर्मचारियों की तैनाती के लिए अवगत कराया जा चुका है, लेकिन इन शिकायती पत्रों को नजरअंदाज कर अधिकारी और कर्मचारी इन्हें कोरे कागज की तरह टोकरी में डालकर पल्लू झाड़ लेते हैं।
न्याय पंचायत स्तर पर परीक्षा के दौरान सफाई कर्मचारियों की तैनाती परीक्षा केंद्रों पर की गई है। रिक्त पंचायतों में जल्द सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।